फसल की खेती (Crop Cultivation)

अरहर (तुअर) की बुआई के लिए IARI की सलाह: बीज शोधन, किस्में और नमी प्रबंधन

17 जून 2025, नई दिल्ली: अरहर (तुअर) की बुआई के लिए IARI की सलाह: बीज शोधन, किस्में और नमी प्रबंधन – भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) ने इस सप्ताह अरहर की बुआई के लिए अनुकूल मौसम बताते हुए किसानों को इसकी बुआई शुरू करने की सलाह दी है। IARI के अनुसार, बुआई के समय खेत में पर्याप्त नमी बनाए रखना जरूरी है ताकि बीजों का अंकुरण अच्छा हो और पौधों की शुरुआती वृद्धि मजबूत हो सके।

अरहर के बीज बोने से पहले IARI ने विशेष रूप से फसल-विशेष राइजोबियम कल्चर और फॉस्फेट घुलनशील जीवाणु (PSB) से बीज उपचार करने की सिफारिश की है। यह उपचार पौधों की नाइट्रोजन स्थिरीकरण क्षमता बढ़ाता है और फॉस्फोरस के अवशोषण को भी बेहतर बनाता है, जिससे फसल की उत्पादकता में वृद्धि होती है।

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IARI ने अरहर की उच्च उपज देने वाली कई किस्में सुझाई हैं जिनमें पूसा अरहर-16, पूसा 2001, पूसा 2002, पूसा 991, पूसा 992, पारस और मनक प्रमुख हैं। ये किस्में रोग प्रतिरोधक क्षमता के साथ-साथ अच्छी उपज देती हैं।

IARI ने यह भी सलाह दी है कि किसान प्रमाणित स्रोतों से ही बीज प्राप्त करें ताकि बीजों की शुद्धता बनी रहे और अंकुरण दर अधिक मिले। प्रमाणित बीजों से बीजजनित रोगों का भी खतरा कम होता है।

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IARI द्वारा दी गई इन वैज्ञानिक सलाहों को अपनाकर किसान अरहर की बेहतर खेती कर सकते हैं और अधिक लाभ कमा सकते हैं।

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