बलराम ताल योजना
अनुदान- द्य सामान्य वर्ग के कृषक लागत का 40 प्रतिशत अधिकतम रू. 80,000/- लघु सीमांत लागत का 50 प्रतिशत अधिकतम रू. 80,000/- अजजा वर्ग के हितग्राहियों को लागत का 75 प्रतिशत, अधिकतम रू. 1,00,000/-
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंअनुदान- द्य सामान्य वर्ग के कृषक लागत का 40 प्रतिशत अधिकतम रू. 80,000/- लघु सीमांत लागत का 50 प्रतिशत अधिकतम रू. 80,000/- अजजा वर्ग के हितग्राहियों को लागत का 75 प्रतिशत, अधिकतम रू. 1,00,000/-
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंअ. नलकूप खनन (राज्य पोषित योजना) – अजजा वर्ग के कृषकों के लिये सफल/असफल नलकूप खनन पर लागत का 75 प्रतिशत, अधिकतम रू. 25,000-/ जो भी कम हो अनुदान देय है। सफल नलकूप पर पंप हेतु अजजा वर्ग कृषकों
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंबीज अदला-बदली – कृषक द्वारा दिये गये अलाभकारी फसलों के बीज के बदले 1 हैक्टर की सीमा तक खाद्यान्न फसलों के उन्नत एवं संकर बीज प्रदाय किये जाते हैं। प्रदाय बीज पर 75 प्रतिशत अनुदान, अधिकतम रू. 1500/- की पात्रता
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंनिर्धारित शुल्क– सामान्य कृषकों के लिये 5 रूपये प्रति नमूना, तथा अ.जा./अ.ज.जा. कृषकों के लिये 3 रूपये प्रति नमूना की सूक्ष्म तत्व विश्लेषण के लिये सामान्य कृषकों के लिये 40 रूपये प्रति नमूना तथा अ.जा./अ.ज.जा. कृषकों के लिये
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंभारत सरकार द्वारा ‘स्वस्थ धरा खेत हरा’ करने के उद्देश्य से प्रत्येक खेत तथा किसान का स्वाईल हेल्थ कॉर्ड बनाने का निर्णय लिया है। मार्च 2017 तक देश में 14 करोड़ किसानों का कॉर्ड बनाने का
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंजैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश के सभी जिलों में परम्परागत कृषि विकास योजना चलाई जा रही है। इस योजना में कलस्टर एप्रोच एवं पीजीएस सर्टिफिकेशन के माध्यम से जैविक खेती को प्रोत्साहित किया जाएगा।
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंइस योजना के तहत प्रीमियम क्या होगा? खरीफ फसलों में – बीमित रकम का 2 प्रतिशत प्रीमियम रबी की सभी फसलें- 1.5 प्रतिशत प्रीमियम बागवानी फसलों पर सालाना प्रीमियम 5 प्रतिशत शेष प्रीमियम का भुगतान सरकार द्वारा बीमा
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंप्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना अंतर्गत महत्वपूर्ण बिन्दु – नवीन जल स्रोतों का निर्माण, पुराने की मरम्मत, बहाली और सूख गये जल स्रोतों का नवीनीकरण, जल संरचनाओं का निर्माण, माध्यमिक और माइक्रो भंडारण, भू-जल विकास, जल संधारण क्षमता बढ़ाने के
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंरायसेन। कृषि विज्ञान केन्द्र रायसेन द्वारा विकासखंड सांची के ग्राम नीमढाना में गत दिनों कृषक श्री रामविलास के खेत पर अरहर दिवस का आयोजन किया गया। इस प्रक्षेत्र दिवस कार्यक्रम पर केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक व प्रमुख डॉ. स्वप्निल दुबे,
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंदेश के किसानों ने खेती-किसानी पर नोटबन्दी का कोई असर नहीं होने दिया। अच्छी वर्षा का भरपूर फायदा लेते हुए देश के किसानों ने रबी फसलों की बुआई पिछले वर्ष की तुलना में 6.13 प्रतिशत अधिक क्षेत्र में की है।
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