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मछली पालन के लिए तालाब बनाने पर मिलेगा 50 फीसदी अनुदान

भोपाल। मछली पालन के लिए अपनी भूमि पर नवीन तालाब निर्माण करने वाले सभी वर्गों के लोगों को अब निर्माण ईकाई लागत 7 लाख रूपये प्रति हेक्टेयर पर 50 प्रतिशत (3.50 लाख रू.) अनुदान मिलेगा। अनुदान अधिकतम 2 हेक्टेयर तालाब

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किसानों से छलावा कब तक ?

इस वर्ष प्रकृति ने किसानों का साथ दिया। मानसून की अच्छी वर्षा तथा रबी फसलों में पिछले वर्षों की तरह प्राकृतिक विघ्न नहीं आये, फलस्वरूप किसानों को रबी फसलों का भरपूर उत्पादन मिला है। किसान को उसके उत्पादन का अच्छा

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ड्रिप सिंचाई पद्धति का महत्व

ड्रिप सिंचाई पद्धति का जन्म सिमका ब्लोग नामक एक इजराइली इंजीनियर ने 1940 में देखा कि पानी के पाइप से रिसाव होने वाले स्थान के पौधों में वृद्धि अन्य क्षेत्र के पौधों की तुलना में अधिक है, इसके आधार पर

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चारा अभाव के समय पशुओं का खान-पान

भारत में 85 प्रतिशत से ज्यादा दुधारू पशु छोटे या कम आय वाले किसानों के पास ही हैं, जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, जिस कारण से वे पशुओं को दाना व गुणवत्ता वाले चारे को नहीं खिला सकते। इस

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डॉ. प्रियंका को उत्कृष्ट पुरस्कार

विगत दिनों म.प्र. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (मेपकास्ट) द्वारा डॉ. प्रियंका जोशी को उत्कृष्ट युवा वैज्ञानिक पुरस्कार 2017 से सम्मानित किया गया। डॉ. सुश्री जोशी, आर.ए.के. कृषि महाविद्यालय, सीहोर में इक्रीसेट, हैदराबाद द्वारा वित्त पोषित चना अनुसंधान परियोजना में चना

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रिलायंस फाउण्डेशन जागरूकता कार्यक्रम लगन और ललक से मिली सफलता

भोपाल। मन में लगन हो, जानने की ललक हो और सही मार्गदर्शन मिले तो छोटा किसान भी खेती को लाभ का धंधा बना सकता है। इसे साबित किया है कृषक श्री विशाल सिंह मीणा ने। मुख्य धारा से कटे हुए

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खण्डवा महिन्द्रा के वाहन किसानों में लोकप्रिय

खण्डवा। जिले में महिन्द्रा एंड महिन्द्रा आटो मोबाइल कम्पनी ने कृषक जगत के साथ मिलकर कृषि उपज मण्डी परिसर में कृषक संगोष्ठी का आयोजन किया। संगोष्ठी में कृषि विज्ञान केन्द्र खण्डवा के कार्यक्रम समन्वयक श्री डी.के. वाणी, वैज्ञानिक पौध संरक्षण

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गोपालन खेती में जरुरी : श्रीमती गुप्ता

पिपलिया मंडी।  गत दिनों कृषि उपज मण्डी प्रांगण में किसान संगोष्ठी, के.जे. एजुकेशन सोसायटी भोपाल एवं महिन्द्रा एंड महिन्द्रा कम्पनी द्वारा आयोजित की गई जिसमें मुख्य अतिथि श्रीमती प्रवीणा गुप्ता (पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष) ने कृषकों को सम्बोधित करते हुए

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समस्या- मैंने रबी फसल काटने के बाद मूंग, उड़द लगाया है। देखभाल स्वरूप क्या करें कृपया बतायें।

– करणसिंह तोमर, भिण्ड समाधान– आपने रबी के बाद जायद में मूंग, उड़द की खेती की है। आप निम्न कार्य करते रहें और अच्छा उत्पादन प्राप्त करें। ग्रीष्मकाल में तापमान बढ़ता रहता है। इस कारण खेत में पानी की कमी

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समस्या- मैं धान की नर्सरी डालना चाहता हूं, कृपया विधि बतायें।

– जगदीश पांडे, सुल्तानपुर समाधान– धान उत्पादक कृषकों को धान की नर्सरी से ही चौकन्ना होना जरूरी है। बीमार पौधों की रोप मुख्य खेत में लगाने से उत्पादन प्रभावित होता है। नर्सरी डालने का समय 15 मई से 20 जून

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