पशुपालन (Animal Husbandry)

सर्दी के दौरान दो ऐसी बीमारी हैं जो बकरियों पर अटैक करती हैं

26 सितम्बर 2024, भोपाल: सर्दी के दौरान दो ऐसी बीमारी हैं जो बकरियों पर अटैक करती हैं – वैसे तो बीमारियों से बचाने वाले टीके (वैक्सीन) बकरियों की उम्र के हिसाब से लगाए जाते हैं। मेमनों के पैदा होने के बाद से लेकर बड़े बकरे-बकरियों को टीके लगते रहते हैं। गोट एक्सपर्ट की मानें तो वैसे टीके लगवाने का मौसम से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन सर्दियों के दौरान दो ऐसी बीमारी हैं जो बकरियों पर अटैक करती हैं।  ये बकरियों की जानलेवा बीमारी हैं। अगर वक्त रहते इन पर कंट्रोल नहीं किया गया तो ये दूसरी बकरियों में भी फैल जाती हैं. इसकी रोकथाम का एक मात्र उपाय सिर्फ टीका ही है।

इसलिए एनिमल एक्सपर्ट बकरी पालकों को ये सलाह देते हैं कि सर्दियां शुरू होने से पहले अपनी बकरियों को ये दो टीके जरूर लगवा दें।  केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (सीआईआरजी), मथुरा के प्रिंसिपल साइंटिस्ट डॉ. अशोक कुमार भी बकरियों की चेचक और प्लेग बीमारी फैलने से पहले टीके लगवाने की सलाह देते हैं। उनका कहना है कि बकरियों को टीके लगवाने के साथ ही बकरियों के शेड में भी खास तरह के इंतजाम करने होंगे।  

Advertisement
Advertisement

सर्दियों में प्लेग जिसे पीपीआर भी कहा जाता है, ये बकरियों में होने वाली खतरनाक बीमारी है। पीपीआर क्योंकि विषाणु जनित बीमारी है तो इसलिए ये दूसरी बकरियों को भी अपनी चपेट में ले लेती है। इसके साथ ही इसी मौसम में बकरियों के बीच चेचक भी फैलती है. चेचक के होने पर बकरियों के शरीर पर चकते से बन जाते हैं।   इसलिए ये जरूरी है कि सर्दी शुरू होते ही बकरियों को पीपीआर और चेचक का टीका लगवा दिया जाए। सितंबर के आखिर से ही टीके लगवाने की शुरुआत की जा सकती है। क्योंकि ये बीमारी अगर एक बकरी में हो गई तो फिर दूसरी बकरियों के बीच तेजी से फैलती है।  

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

Advertisement8
Advertisement

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

Advertisement8
Advertisement

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements
Advertisement5
Advertisement