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गेहूं पर आयात शुल्क हटाने की योजना नहीं

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नई दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में गेहूं की मौजूदा कीमतों को देखते हुए सरकार की फिलहाल इस पर आयात शुल्क और कम करने की योजना नहीं है। उसका आकलन है कि मौजूदा शुल्क पर भी गेहूं आयात अभी तुलनात्मक रूप से सस्ता ही पड़ रहा है। केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘त्यौहारों के इस मौसम में घरेलू बाजार में गेहूं की कीमतों पर कोई दबाव नहीं है। कीमतें स्थिर चल रही हैं। इस लिए गेहूं पर आयात शुल्क घटा कर शून्य करने का फिलहाल कोई विचार नहीं है।’
सरकार ने 23 सितंबर को गेहूं पर आयात शुल्क 25 से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया था ताकि त्यौहारों के इस मौसम में आपूर्ति बनी रहे और गेहूं तथा इसके उत्पाद महंगे न हो सके। अधिकारी ने कहा कि ‘शुल्क के मौजूदा स्तर पर भी अभी विदेश से अयातित गेहूं सस्ता पड़ रहा है क्योंकि इस समय विश्व में गेहूं की आपूर्ति अधिक है।’
वैसे इस बीच भारत में आटा मिलों ने गेहूं उत्पादन में 80 लाख टन की गिरावट का हवाला देते हुए इस पर आयात शुल्क हटाने की मांग शुरू कर दी है। इस समय भारतीय मिलों ने यूक्रेन, आस्ट्रेलिया और फ्रांस से गेहूं के सौदे किए हैं। वे 11 लाख टन गेहूं मंगा चुकी है और आने वाले दिनों में आयात के और अधिक सौदे कर सकती हैं।
सार्वजनिक क्षेत्र के भारतीय खाद्य निगम में गेहूं का स्टॉक बहुत ज्यादा नहीं है। गेहूं खरीद 2016-17 के दौरान 3.05 करोड़ टन के तय लक्ष्य के मुकाबले 2.29 करोड़ टन ही रही है। गेहूं व्यापारियों ने 2015-16 में गेहूं उत्पादन 8.60 करोड़ टन रहने का अनुमान लगाया था जो कि सरकार के अनुमान 9.35 करोड़ टन से काफी कम है।

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