राज्य कृषि समाचार (State News)

यूपी के कृषि विभाग ने किसानों से कहा-इस धान की बुवाई न करें

20 फ़रवरी 2025, भोपाल: यूपी के कृषि विभाग ने किसानों से कहा-इस धान की बुवाई न करें – उत्तर प्रदेश के किसानों को अब सरकार के ही कृषि विभाग ने एक धान की बुवाई नहीं करने के लिए कहा है. दरअसल विभाग के अफसरों ने किसानों से यह कहा है कि वे साठा धान की जगह अन्य फसलों की बुवाई करें ताकि उन्हें ज्यादा से ज्यादा फायदा मिल सके. सलाह यह भी दी गई है कि किसान मक्का, उड़द, मूंग आदि  को ज्यादा से ज्यादा उगाए. 

किसानों को साठा धान की बुवाई से रोकने के लिए अन्य जायद फसलों के बीजों की मिनी किट मुफ्त में उपलब्ध कराई जा रही है. बता दें कि हरियाणा और पंजाब में पहले से ही साठा धान की खेती प्रतिबंधित है. उत्तर प्रदेश कृषि विभाग की ओर से किसानों को साठा धान की बुवाई करने से रोका है. किसानों से अपील करते हुए कहा गया है कि जायद सीजन में कम से कम पानी में ज्यादा उत्पादन लेने के लिए आपको साठा धान की बजाय मक्का, उड़द-मूंग की बुवाई करें. बताया गया है कि राज्य के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही के की अगुवाई में किसानों को उड़द और मूंग के बीजों की मिनी किट मुफ्त में उपलब्ध कराई जा रही है.  उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले के डीएम जोगिंदर सिंह ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए किसानों को साठा धान की बुवाई नहीं करने की सलाह दी है. डीएम ने लिखा है कि किसान भाई कृपया ध्यान दें, साठा धान की खेती प्रतिबंधित है. इसलिए इसकी बुवाई न करें. साठा धान के लगाने से भूगर्भ जल स्तर तेजी से नीचे जाने और पर्यावरण पर पड़ने वाले दुष्परिणामों के चलते साठा धान की खेती प्रतिबंधित है. डीएम ने किसानों से अपील करते हुए यह भी कहा है कि यदि आपके आसपास कोई किसान साठा धान की खेती करता है तो तत्काल संबंधित उपजिलाधिकारी को सूचित करें.

Advertisement
Advertisement

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

Advertisement8
Advertisement

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

Advertisement8
Advertisement

www.en.krishakjagat.org

Advertisements
Advertisement5
Advertisement