भावांतर योजना के संबंध में सच्चाई- कलेक्टर टीकमगढ़
30 सितम्बर 2025, टीकमगढ़: भावांतर योजना के संबंध में सच्चाई- कलेक्टर टीकमगढ़ – शासन के निर्देशानुसार कलेक्टर श्री विवेक श्रोत्रिय ने बताया कि सोयाबीन में भावांतर योजना के संबंध में कई प्रकार के भ्रम एवं मिथक हैं, जबकि इसके संबंध में सच्चाई यह है कि भावांतर योजना में एमएफक्यू मानक अनुसार किसान की जितनी उपज है, सरकार उसको भावांतर योजना अन्तर्गत लाभ प्रदान करेगी। इसका मतलब यह है कि किसी भी किसान को उसकी एमएफक्यू की उपज का एमएफक्यू की राशि रु. 5328/- प्रति क्विंटल का लाभ प्रदान किया जायेगा।
किसान बंधु अपने सोयाबीन के रकबे और उत्पादकता के आधार पर मंडी में सोयाबीन का भावान्तर योजना में लाभ प्राप्त कर सकेंगे। इसका मतलब यह है कि 40 प्रतिशत की ही विक्रय बाध्यता नहीं हैं। राज्य शासन द्वारा किसान के रकबे और उत्पादकता के आधार पर उपज को मंडी में भावांतर योजना में लाभ प्रदान करेगी। इससे अधिक मात्रा पर भी राज्य शासन द्वारा भावांतर की राशि का लाभ कृषकों को उनके खाते में प्रदान किया जायेगा।
दूसरा भ्रम यह है कि व्यापारी द्वारा कार्टेल बनाकर रेट कम कर दिया जाएगा, जबकि खुली नीलामी कैमरे की निगरानी में होगी, जिसमें जिला प्रशासन का प्रतिनिधि उपस्थित रहेगा। यदि किन्हीं कारणों से सोयाबीन का बाजार मूल्य गिरता है तो सरकार मंडी में एफएक्यू सोयाबीन की राशि का एमएसपी तक के भावांतर की राशि का लाभ प्रदान करेगी। एफएक्यू सोयाबीन में मंडी से प्राप्त विक्रय राशि एवं राज्य शासन द्वारा भावांतर योजना की अंतरित राशि एमएसपी के बराबर की राशि का लाभ प्रदान किया जायेगा।
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