गौवंश पशुओं को लंपी वायरस से बचाव के लिए पशुपालक अपनाएं ये देसी उपाय, पशुपालन विभाग ने जारी की एडवाइजरी
12 नवंबर 2025, भोपाल: गौवंश पशुओं को लंपी वायरस से बचाव के लिए पशुपालक अपनाएं ये देसी उपाय, पशुपालन विभाग ने जारी की एडवाइजरी – मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले के पशुपालन एवं डेयरी विभाग के उप संचालक डॉ. बी. बी. चौधरी ने बताया है कि गौवंश पशुओं में लम्पी स्किन डिजीज होती है जो कि विषाणु जनित बीमारी है। लंपी वायरस के कीड़े पशुओं में मच्छर, मक्खी और चिपकनी के कारण होता है। जिसका फैलाव संक्रमित गौवंशों के खून से मक्खी मच्छर आदि के द्वारा स्वस्थ पशुओं में संक्रमण फैलता है। इसके अतिरिक्त संक्रमित पानी, चारा, गौशालाओं में गंदगी और नमी एवं बीमार गौवंश के लार, आंख के स्त्राव और दूषित चीजों के कारण लंपी वायरस फैलता है। गौवंश के बीमारी से संक्रमित होने पर तेज बुखार त्वचा में गठानें शरीर में दर्द एवं भूख कम हो जाती है। कभी-कभी गठानें फूटने से त्वचा में घाव बन जाता है।
पशुओं में होने वाले लंपी वायरस संक्रमण से बचाव के उपाय
उप संचालक ने बताया है कि लम्पी स्किन डिजीज गौवंश में पाए जाने पर पशुपालक तत्काल संक्रमित पशुओं को स्वस्थ पशुओं से अलग कर दें एवं नजदीकी पशु चिकित्सालयों में जानकारी देकर इलाज कराएं। साथ ही बीमारी फैलाने वाले रोग वाहक मक्खी, मच्छर आदि से सुरक्षा उपाय अपनाएं। अपने पशु आवास गृह की नियमित साफ सफाई रखें जीवाणु एवं विषाणु रसायन आदि का प्रयोग करें।
पशुओं की चमड़ी पर घाव होने की अवस्था पर नियमित रूप से सफाई कर एंटीसेप्टिक लोशन लगायें। पशुपालक इस बीमारी से बचाव के लिए पशु चिकित्सालय से संपर्क कर स्वस्थ पशुओं का टीकाकरण अवश्य कराएं। बीमार पशु को संतुलित एवं पौष्टिक आहार खिलाएं। बीमार पशु की उचित ढंग से देखभाल एवं उपचार होने पर 10-15 दिन में स्वस्थ हो जाते हैं। गौवंश को गोटपाक्स वैक्सीन व लंपी प्रोबैक का टीकाकरण कराएं। पशुपालक गौशालाओं में ब्लीचिंग पाउडर और सोडियम हाईपोक्लोराइट का छिड़काव कर गौशालाओं को साफ सुथरा रखें तथा पशुओं को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले पोषक आहार दें।
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