राज्य कृषि समाचार (State News)

किसान भाइयों! ये चार माह है, कर सकते है बाजरे की बुवाई

10 मार्च 2025, भोपाल: किसान भाइयों! ये चार माह है, कर सकते है बाजरे की बुवाई – देश के किसान यदि चाहे तो इस मार्च माह से लेकर आगामी जून जुलाई अर्थात चार माह तक बाजरे की बुवाई कर अच्छा आर्थिक लाभ प्राप्त कर सकते है। हालांकि कृषि विशेषज्ञों का यह कहना है कि किसान यदि उन्नत किस्मों की बुवाई करें तो ही उनके लिए ठीक रहेगा क्योंकि जिन किस्मों का उल्लेख यहां किया जा रहा है वे रोग प्रतिरोधक उन्नत किस्म है।

ग्रीष्मकालीन बाजरा की खेती गर्म जलवायु तथा 50-60 सें.मी. वर्षा वाले क्षेत्रों में अच्छी तरह से की जा सकती है। इस फसल के लिए सबसे उपयुक्त तापमान 32-37 डिग्री सेल्सियस है। इसके लिए अधिक उपजाऊ मृदा की आवश्यकता नहीं होती है। कृषि विशेषज्ञ बताते हैं कि बाजरे की खेती के लिए बलुई दोमट मृदा उपयुक्त होती है। इसके साथ-साथ बाजरा की फसल जल निकास वाली सभी तरह की मृदा में उगाई जा सकती है।

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टॉप उन्नत रोग प्रतिरोधी किस्में

बाजरा की संकर किस्में जैसे- टी. जी. 37, आर. – 8808, आर. – 9251, आईसीजीएस -1, आईसीजीएस -44, डीएच – 86, एम – 52, पीबी 172, पीबी – 180, जीएचबी – 526, जीएचबी – 558, जीएचबी – 183 । संकुल प्रजातियां जैसे- पूसा कम्पोजिट – 383, राज-171, आईआईसीएमवी – 221 व सीटीपी – 8203 प्रमुख हैं।

उर्वरकों का प्रयोग

मृदा परीक्षण की संस्तुतियों के आधार पर किया जाना चाहिए। सिंचित क्षेत्र के लिए 80 कि.ग्रा. नाइट्रोजन, 40-50 कि.ग्रा. फास्फोरस व 40 कि.ग्रा. पोटाश प्रति हैक्टर एवं बारानी क्षेत्रों के लिए 60 कि.ग्रा. नाइट्रोजन, 30 कि.ग्रा. फॉस्फोरस व 30 कि.ग्रा. पोटाश प्रति हैक्टर की दर से प्रयोग किया जा सकता है।   बुआई के समय नाइट्रोजन की आधी मात्रा तथा फॉस्फोरस और पोटाश की पूरी मात्रा लगभग 3-4 सें.मी. की गहराई पर डालनी चाहिए। नाइट्रोजन की बची हुई मात्रा अंकुरण से 4-5 सप्ताह बाद खेत में बिखेरकर मिट्टी में अच्छी तरह मिला देनी चाहिए।

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