IARI साप्ताहिक कृषि सलाह: धान, दालें, सब्ज़ियाँ, मिट्टी परीक्षण और बागवानी के लिए पूरी मार्गदर्शिका
16 जून 2025, नई दिल्ली: IARI साप्ताहिक कृषि सलाह: धान, दालें, सब्ज़ियाँ, मिट्टी परीक्षण और बागवानी के लिए पूरी मार्गदर्शिका – भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) ने किसानों के लिए अपनी नवीनतम साप्ताहिक कृषि सलाह जारी की है। इस व्यापक सलाह में धान के नर्सरी तैयार करने से लेकर विभिन्न दालों की बुआई, सब्ज़ी नर्सरी प्रबंधन, कीट नियंत्रण, मिट्टी परीक्षण और नए बागवानी प्रोजेक्ट के लिए गड्ढा तैयार करने तक के विषय शामिल हैं। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे इन दिशानिर्देशों का पालन करें ताकि फसल की उपज बेहतर हो, पौधे स्वस्थ रहें और उनकी आय बढ़े।
धान नर्सरी की तैयारी और उच्च उपज देने वाली किस्में
किसानों को आगामी मौसम के लिए धान की नर्सरी तैयार करना शुरू करने की सलाह दी गई है। IARI के अनुसार, एक हेक्टेयर धान के खेत के लिए 800 से 1000 वर्ग मीटर की नर्सरी पर्याप्त होती है। बुआई से पहले बीजों को कैप्टन (2 ग्राम प्रति किलो बीज) से बीज उपचारित करना आवश्यक है, जिससे बीजों को रोगों से बचाव मिलता है और अंकुरण बेहतर होता है।
IARI ने प्रमाणित एजेंसियों से प्राप्त बीजों के उपयोग की सलाह दी है ताकि बीज की शुद्धता और अंकुरण दर सुनिश्चित हो सके। उच्च उपज देने वाली प्रमुख बासमती धान की किस्में जो IARI द्वारा सुझाई गई हैं, उनमें शामिल हैं: पुसा बासमती 1509, पुसा बासमती 1985, पुसा बासमती 1979, पुसा बासमती 1692, पुसा बासमती 1885, पुसा बासमती 1847, पुसा 44, पुसा बासमती 1718, पुसा बासमती 1637, पुसा सुगंधा-5, पुसा सुगंधा-4 (पुसा 1121), पंत धान-4 और पंत धान-10। इन किस्मों का चयन कर किसान बेहतर उपज, गुणवत्तापूर्ण चावल और अच्छी बाजार दर प्राप्त कर सकते हैं।
अरहर (पिजनपी) की बुआई और उच्च उपज देने वाली किस्में
IARI ने किसानों को इस सप्ताह अरहर की बुआई शुरू करने की सलाह दी है। उचित अंकुरण के लिए जमीन में पर्याप्त नमी होनी चाहिए। बुआई से पहले बीजों का Rhizobium कल्चर और फॉस्फेट सॉलubilizing बैक्टीरिया (PSB) के साथ उपचार आवश्यक है, जिससे पौधों की वृद्धि और उपज में वृद्धि होती है।
किसानों को प्रमाणित और उच्च गुणवत्ता वाले बीज लेने की सलाह दी जाती है। IARI द्वारा सुझाई गई उच्च उपज देने वाली अरहर किस्में हैं: पुसा अरहर-16, पुसा 2001, पुसा 2002, पुसा 991, पुसा 992, परस और मनाक। ये किस्में रोगप्रतिरोधक हैं और विभिन्न कृषि क्षेत्रों में अच्छी पैदावार देती हैं।
मूंग की बुआई और उच्च उपज देने वाली किस्में
किसानों को मूंग की बुआई शुरू करने की सलाह दी गई है। अंकुरण के लिए जमीन में उचित नमी बनाए रखना आवश्यक है। बीजों का Rhizobium कल्चर और फॉस्फेट सॉलubilizing बैक्टीरिया से उपचार करना चाहिए, जिससे पौधे बेहतर पोषण प्राप्त करते हैं और उपज बढ़ती है।
IARI द्वारा सुझाई गई मूंग की प्रमुख उच्च उपज वाली किस्में हैं: पुसा 1431, पुसा 1641, पुसा विशाल, पुसा 5931, SML-668 और सम्राट। ये किस्में रोगों से मुक्त होती हैं और बेहतर गुणवत्ता वाली फसल देती हैं।
उड़द की बुआई और उच्च उपज देने वाली किस्में
उड़द की बुआई के लिए भी उचित मिट्टी की नमी आवश्यक है। बीजों को बुआई से पहले Rhizobium कल्चर और फॉस्फेट सॉलubilizing बैक्टीरिया के साथ उपचारित करना चाहिए, जिससे nitrogen fixation और पोषक तत्वों का अवशोषण बेहतर होता है।
किसानों को प्रमाणित बीजों का उपयोग करना चाहिए। IARI द्वारा सुझाई गई उच्च उपज वाली उड़द किस्में हैं: उड़द टाइप-9, T-31 और T-39। ये किस्में जल्दी पकती हैं, रोगों के प्रति प्रतिरोधक हैं और अच्छी पैदावार देती हैं।
सब्ज़ी नर्सरी की तैयारी (गोभी, टमाटर, मिर्च, बैगन)
IARI ने शुरुआती मौसम के लिए गोभी, टमाटर, मिर्च और बैगन की नर्सरी तैयार करने की सलाह दी है। नर्सरी पर छाया नेट लगाना चाहिए जिससे सूर्य की तीव्र किरणों से पौधों की रक्षा हो और कीट जनित रोगों को भी रोका जा सके। छाया नेट लगभग 6.5 फीट की ऊंचाई पर लगाया जाना चाहिए।
बीजों को बुआई से पहले थिराम (2.0 से 2.5 ग्राम प्रति किलो बीज) से उपचारित करना आवश्यक है ताकि बीज रोग मुक्त हो और पौधे स्वस्थ बढ़ें।
भिंडी की फसल में कटाई के बाद पोषण एवं कीट निगरानी
भिंडी की फसल में फलों की कटाई के बाद प्रति एकड़ 5 से 10 किलो यूरिया का छिड़काव करना चाहिए और उसके बाद हल्की सिंचाई करनी चाहिए। इससे पौधों को पुनर्जीवन मिलता है और वे अच्छी उपज देते रहते हैं। साथ ही, भिंडी की फसल में पिस्सू, जासिड और हॉपर जैसे कीटों की लगातार निगरानी जरूरी है ताकि समय पर नियंत्रण किया जा सके।
मौजूदा मौसम में सब्ज़ियों की कटाई का सही समय
IARI के अनुसार, वर्तमान तापमान के अनुसार सब्ज़ियों की कटाई सुबह जल्दी या शाम को करनी चाहिए और कटाई के बाद उन्हें छाया में रखना चाहिए ताकि वे गर्मी से नष्ट न हों और ताज़गी बनी रहे।
मिट्टी परीक्षण और पोषक तत्व प्रबंधन
इस अवधि में जब खेतों में कम गतिविधि होती है, किसान मिट्टी परीक्षण करा कर अपनी जमीन की पोषण स्थिति जान सकते हैं। IARI प्रमाणित एजेंसियों से मिट्टी परीक्षण कराने की सलाह देता है। परीक्षण के अनुसार उचित उर्वरक डालना मिट्टी की सेहत सुधारता है और फसल की उत्पादकता बढ़ाता है।
नए बागवानी उद्यान के लिए गड्ढा तैयार करना
जो किसान नए बागवानी उद्यान की स्थापना करना चाहते हैं, उन्हें जून की गर्मी में गड्ढे खोद कर खुला छोड़ देना चाहिए। इससे मिट्टी में मौजूद कीट, रोगजनक और खरपतवार के बीज नष्ट हो जाते हैं, जिससे बेहतर और स्वस्थ बाग की स्थापना होती है।
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