गेहूं को भंडारण में रखने के लिये उपयुक्त दशा क्या होनी चाहिए ताकि कीट न लगें।
समाधान- गेहूं तथा अन्य अनाजों के भंडारण में कीटों तथा सूक्ष्म जीवों के आक्रमण की संभावना बनी रहती है। इससे बचने के लिये निम्न बातों का ध्यान रखना आवश्यक है।
- अनाज में भंडारण के पूर्व नमी 10 प्रतिशत से कम रहनी चाहिए। अधिक नमी में अनाज में कीट तथा फफूंद का प्रकोप होने की संभावना हमेशा बनी रहेगी। इसलिये आप गेहूं को अच्छी तरह सुखा लें सूखने के बाद यदि दाना दांतों से दबाने पर कट्ट की आवाज के साथ टूटे तो समझ लीजिए की वह पूरी तरह सूख गया है और संग्रहण के लायक है। अधिकांश कीट अनाज की 10 प्रतिशत नमी में नहीं पनप पाते हैं।
- धूप में सुखाने के बाद संग्रहण के पूर्व कुछ समय के लिये उसे छाया में रखें जिससे दानों की गर्मी निकल जाये।
- यदि गेहूं में साबुत दानों के साथ कटे व टूटे दाने भी हो तो कीट व फफूंद लगने की संभावना रहती है। यदि आपको लंबे समय तक गेहूं भंडारण में रखता है तो छान कर टूटे कटे दाने निकाल कर स्वस्थ पूर्ण दाने ही भंडारण में रखे।
- भंडारण के पूर्व भंडारगृह को अच्छी तरह साफ कर उसमें दरारों, गड्ढों को भर लें ताकि उनमें कीट पहले से ही छिपे न रहे।
– सतीश पटेल, रतलाम