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हम काफी दिनों से अप्रैल माह में करेला लगाते हैं जो बरसात के बाद तक फल देता है परन्तु कुछ वर्षों से बेल बरसात में सूख जाती है, कृपया कारण बतायें तथा निदान भी।

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समाधान– वर्तमान में बहुत सारी निजी कंपनी द्वारा तथा शासकीय अनुसंधान संस्थान द्वारा सभी सब्जी फसलों के संकर बीज का उत्पादन किया जा रहा है। संकर किस्मों को एक बार लगाने के बाद दूसरी बार बदलना आम बात है तथा सिफारिश भी। आपने जो करेले की किस्म लगाई थी उसका नाम नहीं लिखा फिर भी यथासम्भव किस्मों को बदलते रहना ही हितकर होता है। आप करेले की निम्न जातियां लगायें जिनकी सिफारिश की गई है।

  • अर्काहरिता, पूसा दो मौसमी, पूसा विशेष, काशी (उर्वशी), पूसा हाईब्रिड-2।
  • निजी कम्पनियों में इंडो अमेरिकन की इंडस 49, 1124, 711, 411, 4626, रैलीज की ग्रीनलॉग, व्हाईट लांग, नुनहेम्स की नमन, समनग्रीन, किरण, गंगाकावेरी की बी.टी., जीएस 182, स्पिक की एम.पी.वीजी1, सेमिनिज की रुचि, सुलभा, अभिषेक, अनुपम, यूनीकार्न की भाग्य, सुरुचि, हीरा, नामधारी की प्रिया, बी.एस.एस. 407, झलक सीड्स की अजीत 27, 29, अंकुर की रेशमा, करिश्मा, शोथा, हेमा, सेन्चुरी की तिजारती, निर्मल की निर्मल 167, 182, 162, 460, 470, सनग्रो की विवेक, अमन, नमन, नाथ बायोजीन एलवीजीएम 7, सिन्जेन्टा की बीपीएच 106, एवं 110, कृषि धन की हकिलांग इत्यादि।

जलवायु परिवर्तन का कृषि पर प्रभाव

– नारायण पवार, छिंदवाड़ा

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