जीएसटी में कृषि को राहत, 1 जुलाई से भारत में जीएसटी की शुरूआत
नई दिल्ली/भोपाल। संसद के केंद्रीय कक्ष में आयोजित ऐतिहासिक मध्य रात्रि सत्र के बीच वस्तु एवं सेवा कर व्यवस्था लागू हो गई। राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री द्वारा बटन दबाकर देश में जीएसटी की शुरूआत करने से पूर्व राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और वित्त मंत्री श्री अरूण जेटली ने सभा को संबोधित किया।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि यह दिन देश का भविष्य निर्धारित करने के लिहाज से एक निर्णायक मोड़ है।
उन्होंने चाणक्य का उल्लेख करते हुए कहा कि कड़ी मेहनत सभी बाधाओं को दूर कर सकती है और यह हमें सबसे कठिन उद्देश्यों को पूरा करने में भी मदद करती है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार सरदार पटेल ने देश का राजनीतिक एकीकरण सुनिश्चित किया था, उसी तरह जीएसटी आर्थिक एकीकरण सुनिश्चित करेगा। उन्होंने जीएसटी को ‘गुड एंड सिम्पल टैक्सÓ यानी अच्छा एवं आसान कर कहा जिससे अंतत: लोगों को फायदा होगा।
किसानों में बढ़ते असंतोष के ज्वार को थामने के प्रयास में जीएसटी की घोषणा के अंतिम घंटों में कृषि क्षेत्र में राहत दी गई। खेती के प्रमुख आदान उर्वरक पर 12 प्रतिशत जीएसटी को वापिस 5 प्रतिशत के स्लैब में रखने की घोषणा की गई। जीएसटी के पूर्व भी उर्वरक पर 5 प्रतिशत कर लागू था। इसी तरह ट्रैक्टर उद्योग की मांग को मानते हुए ट्रैक्टर पाटर््स पर भी जीेएसटी दर 28 से घटाकर 18 प्रतिशत कर दी गई। सरकार के इस कदम से किसान व कृषि दोनों को राहत मिलने की संभावना है। इससे वर्तमान में चल रही खरीफ की बोनी पर भी प्रतिकूल असर पडऩे की संभावना समाप्त हो गई है। हालांकि कृषि यंत्रों में सरकार ने कोई राहत की घोषणा नहीं की है। इसी तरह कीटनाशक के लिए 18 प्रतिशत की दर में भी कोई परिवर्तन नहीं किया गया है।