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खेती की लागत कम करें : विधानसभा अध्यक्ष

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 गेहूं उत्पादकता में पंजाब को भी
पीछे छोड़ा : डॉ. पहलवान
खेती के साथ पशुपालन एवं उद्यानिकी अपनायें : श्री सिंह

होशंगाबाद। ग्राम स्वराज अभियान में जिले के प्रत्येक विकासखण्ड में गतदिनों ” किसान कल्याण कार्यशाला” का आयोजन किया गया। कृषक प्रशिक्षण केंद्र पवारखेड़ा में म.प्र. विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीतासरण शर्मा ने किसानों से आव्हान किया कि उत्पादन बढ़ायें, खेती की लागत कम करें तथा उपज का उचित मूल्य प्राप्त कर अपनी आमदनी बढ़ायें। जिला पंचायत अध्यक्ष श्री कुशल पटेल ने किसानों से खेती की लागत कम करने, जैविक खेती अपनाकर लाभ कमाने की बात कही।
कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी देते हुये उप संचालक कृषि श्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि कार्यक्रम जिले के प्रत्येक विकासखण्ड में जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ, जिसमें किसानों को योजनाओं की जानकारी कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन एवं मछली पालन अपनाकर ही किसानों की आय को दोगुना किया जा सकता है। कृषि महाविद्यालय पवारखेड़ा के डीन डॉ. डी.के.पहलवान ने किसानों को उन्नत तकनीकी की जानकारी प्रदान करते हुये खेती में लागत हटाने के लिये उचित मात्रा में बीज, उर्वरक एवं कीटनाशक उपयोग करने की सलाह दी। साथ ही उन्होंने किसान भाईयों से अपील की है कि किसान नरवाई में आग न लगाये, उनका प्रबंधन कर मृदा स्वास्थ्य सुधारें।
परियोजना संचालक आत्मा श्री एम.एल. दिलवारिया ने किसानों को जैविक खेती अपनाने की सलाह दी। कार्यक्रम में प्रदेश स्तर से पहुंचे संयुक्त संचालक कृषि श्री जे.एन.सूर्यवंशी ने किसान भाईयों से इस कार्यशाला की तकनीकी जानकारी प्राप्त कर उसे अपनानेे की सलाह दी।
कार्यक्रम में सहायक संचालक कृषि श्री जे.एल.कास्दे, श्री ओ.पी. मालवीय, श्री संदीप यादव, श्री सुनील धोटे श्रीमती प्रियंका जैन, व. कृ.वि.अ. श्री आर.एल.जैन, बी.टी.एम. श्री रविन्द्र ढहेरिया, कृषि यंत्री सुश्री अश्वनी, ग्रा. कृ. वि.अ. एवं किसान मित्र एवं किसान भाई उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन श्री राजेश चौरे, ग्रा.कृ.वि.अ. एवं आभार प्रदर्शन श्री आर.एल. जैन व.कृ.वि.अ. ने किया।

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0 thoughts on “खेती की लागत कम करें : विधानसभा अध्यक्ष

  • बोलना आसान होता है ,लेकिन जमीनी स्तर पर करना मुमकिन नही होता है,अधिकतर किसान जैविक खेती का ही उपयोग करते है,लेकिन लागत फिर भी अधिक है मुनाफे के आगे।और रही बात नरवाई जलाने की तो नेताजी आप के कह देने मात्र से नही होता यहां किसानों को पता चलता है,नरवाई अगर नही जलाएंगे तो सोयाबीन की फसल बोना भी मुश्किल हो जाएगा हमारे लिए।ओर रही बात उत्पादन की तो क्या आप हमारे खेतो में मेहनत करके गए थे जो आपने उत्पादन बढ़ाया ,श्रेय आप लेते हो और भाव बढ़ाने के लिए कुछ करते नही ओर बकवास करते रहते है कि हमने उत्पादन बढ़ाया।

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