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बाजरा के भुट्टे पर दाने की जगह कड़े-कड़े दाने बन जाते हैं यह कौनसी बीमारी है उपाय के लिये क्या करना होगा।

समाधान- बाजरा के भुट्टे पर यह सामान्य रूप से आने वाली खतरनाक बीमारी है यह रोग बालियां बनने के समय आती हैं दानों पर चिपचिपा पदार्थ बनता है जो कीटों के द्वारा एक खेत से दूसरे में फैलता है वातावरण में नमी अधिक होने पर यह बीमारी बहुत जोर पकड़ती है। यह चिपचिपा शहद जैसा पदार्थ सूखकर कड़ा हो जाता है जिसे अरगट कहते हैं इसी कारण से इसे बाजरे का अरगट रोग के नाम से जाना जाता है यह विषैला होता जानवर तक को इसे नहीं दिया जाना चाहिये। अरगट भूमि में गिर कर भूमि को भी दूषित करता है आने वाली फसल पर रोग फैलाता है। आप निम्न उपाय करें।

  • बाजरे की फसल हर साल एक ही खेत में नहीं लगाये।
  • ग्रीष्मकाल में खेत की गहरी जुताई करके मिट्टी में भीतर जाकर खत्म हो जाते है।
  • खड़ी फसल पर भुट्टे निकलने के पहले 1.5 – 2 किलो मेन्कोजेब/4-5 दिनों के अंतर से 2 से 3 छिड़काव करें।
  • मेढ़ों पर ऊगे खरपतवार विशेषकर अंजन घास पर अरगट पनपता है, निंदाई करके इसे नष्ट करें।
  • चरी की बाजरा फसल में भुट्टे नहीं बनने दें।

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– महेश शर्मा,माधवपुर

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