जैविक खेती से कमा रहे मोटा मुनाफा श्री राठौर
परंपरागत खेती के तरीकों को छोड़कर आज आगर मालवा जिले के ग्राम निपानिया बैजनाथ का कृषक श्री ललित कुमार राठौर जैविक तकनीक को अपनाकर अपनी खेती से मोटा मुनाफा कमा रहे हैं। श्री राठौर बताते हैं कि प्रारंभ में उन्होंने बंजर एवं पथरीली 30 बीघा जमीन खरीदी थी, जिसे उन्होंने खेती के लायक बनाकर उसमें जैविक खेती करना प्रारंभ किया। वे बताते हैं कि नागपुर से जैविक खाद बनाने का प्रशिक्षण लेकर आत्मा योजना अंतर्गत वर्मी कम्पोस्ट शेड बनाकर जैविक खाद बनाना प्रारंभ किया और बंजर भूमि को उपजाऊ बनाया। जिसमें आज वह गेहूं की जैविक खेती कर रहें हैं।
श्री ललित कुमार राठौर गौशाला बनाकर लगभग 120 से अधिक पशुओं का पालन कर रहे हैं। उनके द्वारा पशुओं के गौमूत्र तथा गोबर से खाद का निर्माण कर स्वयं की खेती में उपयोग कर रहे हैं। साथ ही निर्मित खाद को 800 रूपये प्रति क्विंटल के भाव से अन्य किसानों को विक्रय कर मुनाफा भी कमा रहे हैं। श्री राठौर अपने खेत पर केंचुआ खाद बनाकर 500 रूपये किलो के मान से बेच रहे हैं। उन्होंने बताया कि जैविक खेती से उनको कम लागत में अच्छी पैदावार मिल रही है तथा उक्त फसल शरीर के लिए काफी लाभदायक होती है।
उन्होंने बताया कि कृषि विभाग के माध्यम से समय-समय पर मिट्टी परीक्षण कराकर उसमें आवश्यकतानुसार पोषकता के मान से जैविक खाद का उपयोग करते हैं। कृषि विभाग के द्वारा स्प्रिंकलर/रैनगन पर मिलने वाली 50 प्रतिशत अनुदान राशि का लाभ लेकर खेती की सिंचाई कर रहे हैं। साथ ही साथ उनके द्वारा अपने खेत में 6 से अधिक लोगों को रोजगार भी दिया है, जो कि खेती के काम में सहयोग प्रदान करते हैं। श्री राठौर ने जैविक खेती के माध्यम से अपने क्षेत्र में एक उन्नत कृषक के रूप में पहचान स्थापित की है।