केरल तट पर 29 मई को दस्तक देगा मानसून
समय से 3 दिन पहले पहुंचने की संभावना
नई दिल्ली। देश भर के करोड़ों किसानों की जीवन रेखा कहलाने वाला दक्षिण – पश्चिम मानसून 29 मई यानी आने की सामान्य तारीख से तीन दिन पहले केरल के तट पर दस्तक देगा। भारतीय मौसम विभाग ने गत दिनों यह जानकारी दी। यह पूर्वानुमान चार दिन की घटत-बढ़त के मॉडल पर आधारित है। अमूमन दक्षिण-पश्चिम मानसून 1 जून को केरल के तट पर पहुंचता है, जिसके बाद यह अगले 45 दिनों में पूरे देश में पहुंच जाता है।
मानसून आने के साथ ही क्षेत्र में बारिश के सीजन की शुरूआत हो जाती है। जैसे-जैसे मनसून उत्तर की तरह बढ़ता है, वैसे-वैसे इन क्षेत्रों में भारी गर्मी से भी राहत मिलेगी। हालांकि मौसम विभाग ने साफ किया है कि केरल में समय पर मानसून पहुंचना इस बात की गारंटी नहीं है कि यह देश के अन्य हिस्सों में भी समय पर पहुंचेगा और बारिश का स्तर सामान्य रहेगा।
मानसून आने की वास्तविक और पूर्वानुमान तिथि | ||
वर्ष | वास्तविक तिथि | पूर्वानुमान |
2013 | 1 जून | 3 जून |
2014 | 6 जून | 5 जून |
2015 | 5 जून | 30 मई |
2016 | 8 जून | 7 जून |
2017 | 30 मई | 30 मई |
स्त्रोत : भारतीय मौसम विभाग |
मौसम विभाग ने कहा, ‘आमतौर पर दक्षिण – पश्चिम मानसून 20 मई के आसपास अंडमान सागर पर पहुंच जाता है, जो एक सप्ताह आगे-पीछे रह सकता है। दक्षिण – पश्चिम मानसून के लिये 23 मई के आसपास अंडमान सागर के कुछ हिस्सों और बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्व में पहुंचने के लिये अनुकूल हो जाएंगी।’
मौसम विभाग ने 2018 के मानसून के बारे में पिछले महीने जारी अपने पहले पूर्वानुमान में कहा कि मानसून सामान्य रहने की संभावना है। इससे कृषि क्षेत्र में सुधार के आसार बढ़े हैं, जिसमें पिछले 4 वर्षों के दौरान वृद्धि घटती-बढ़ती रही है। मौसम विभाग ने कहा कि जून से सितंबर तक बारिश लंबी अवधि के औसत (एलपीए) की 97 फीसदी रहेगी, जिसमें 5 फीसदी घटत-बढ़त संभव है। एलपीए देश में वर्ष 1951 से 2000 तक हुई बारिश का औसत स्तर है। यह 89 सेंटीमीटर होने का अनुमान है।