नींबू की पत्तियों, टहनियों तथा फल के छिलकों में उभार लिए धब्बे आ जाते हैं, निदान बतायें?
समाधान – नींबू का यह रोग कैंकर के नाम से जाना जाता है। यह एक बीजाणु (बेक्टीरिया) जिसे जेन्थोमोनास सिट्राई नाम से जानते हैं, द्वारा उत्पन्न होता है।
- जैसा आपने बताया है, इसका प्रकोप पत्तियों, छोटी टहनियों, कांटों तथा फलों में होता है। आरम्भ में पत्तियों व ग्रसित भाग में छोटे पीले धब्बे बनते हैं जो बाद में बढ़कर 3-4 मि.ली. आकार के हो जाते हैं और भूरे व स्पंज समान हो जाते हैं।
- इसके प्रकोप के कारण पत्तियां गिर जाती हैं। ग्रसित फलों की कीमत कम मिलती है। फलों के गूदे को कोई हानि नहीं होती है।
- यह रोग वर्षा ऋतु में अधिक फैलता है। कागजी नींबू में इसका प्रभाव अधिक होता है। यदि पत्तियों में लीफ माइनर कीट का प्रकोप हो तो कैंकर के प्रकोप की सम्भावना भी बढ़ जाती है। इसका प्रकोप कम करने के लिए अधिक ग्रसित टहनियों को निकालकर व गिरे हुए फलों को जला दें। ताम्र युक्त पीढ़क नाशी इस रोग को नियंत्रित कर लेते हैं इसके लिए ग्रसित पौधों में 0.2 प्रतिशत ब्लाइटाक्स (2 ग्राम प्रति लीटर पानी) का छिड़काव विशेष रूप से वर्षा काल में 15 दिन के अन्तर से करते रहें।
राम सोबनेर, शाजापुर