मौसम की मनमानी से खरीफ उत्पादन घटेगा ?
नई दिल्ली। देश का खाद्यान्न उत्पादन चालू खरीफ सत्र में 35 लाख टन घटकर 13.5 करोड़ टन रहने का अनुमान है। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि देश के कुछ हिस्सों में बाढ़ और कुछ अन्य इलाकों में बारिश कम रहने की वजह से खाद्यान्न उत्पादन में कमी आने का अंदेशा है।
मानसून बेहतर रहने से फसल वर्ष 2016-17 के खरीफ सत्र में देश का खाद्यान्न उत्पादन रिकॉर्ड 13 करोड़ 85 लाख टन हुआ था। सूत्रों के अनुसार कुल खरीफ खाद्यान्न उत्पादन चालू सत्र में करीब 13.5 करोड़ टन रहने की संभावना है।
उन्होंने कहा कि इस गिरावट का मुख्य कारण कमजोर बारिश और दलहनों की नरम कीमतों के मद्देनजर धान और दलहन फसलों की खेती के रकबे में कमी आना है। सूत्रों ने बताया कि चावल का उत्पादन पिछले खरीफ सत्र के 9 करोड़ 63 लाख टन के मुकाबले घटकर करीब 9.5 करोड़ टन रह जाने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि यही मामूली गिरावट दलहनों में रहने की आशंका है। हालांकि मोटे अनाजों का उत्पादन चालू खरीफ सत्र के दौरान सामान्य रहेगा। खरीफ फसलों के उत्पादन का यह आरंभिक आकलन है और उत्पादन के आंकड़ों को बाद में बढ़ाया जा सकता है क्योंकि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में किसान देर से बुआई कर सकते हैं। इसके अलावा कर्नाटक जैसे कुछ राज्यों में बारिश शुरू हुई है, जहां जून-जुलाई के दौरान सूखे की स्थिति थी।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार 8 सितंबर तक धान की बुआई का रकबा कम यानी 371.46 लाख हेक्टेयर रह गया, जो वर्ष भर पहले की समान अवधि में 376.89 लाख हेक्टेयर था। इसी प्रकार दलहन बुआई का रकबा भी पहले के 144.84 लाख हेक्टेयर से घटकर 139.17 लाख हेक्टेयर रह गया जबकि मोटे अनाज की बुआई का रकबा भी पहले के 186.06 लाख हेक्टेयर से घटकर 183.43 लाख हेक्टेयर रह गया।