जैविक खेती से फसल उत्पादन में सुधार
खेती की ऐसी प्रक्रिया जिसमें उत्पादन के लिए प्रयोग किये जाने वाले निवेशों का आधार जीव अंश से उत्पादित हो और पशु मानव एवं भूमि के स्वास्थ्य को स्थिरता प्रदान करते हुए स्वच्छता के साथ पर्यावरण को भी पोषित करें। जैविक खेती कही जायेगी।
जैविक खेती में हम रसायनों का प्रयोग नहीं करते हैं जिससे उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार होता है।
जैविक खेती की प्रक्रिया –
खेती की तैयारी गर्मियों में गहरी जुताई करके करते हैं।
बीज शोधन – जैविक विधि से बीज शोधन के लिए ट्राइकोडर्मा स्पोर 4 से 6 ग्राम प्रति किग्रा बीज में डालकर 5 से 7 मिनट तक मिलाते हैं। फिर बीज को निकालकर जूट के बोरे से 8 से 10 घण्टे के लिए ढक कर रख देते हैं।
जैव उर्वरकों द्वारा बीच शोधन के लिए फास्फेटिका 20 ग्रा. प्रति किग्रा बीज में और एजेटोवेक्टर या राईजोबियम दलहन को छोड़कर समस्त फसलों में ऐजेटोवेक्टर का प्रयोग करते हंै तथा दलहन में राइजोबियम कल्चर का प्रयोग करते हैं।
बुआई – बुआई के लिए यथा सम्भव जैविक बीज का प्रयोग करते हुए जैविक विधि से या जैव उर्वरकों से बीज शोधन करके बीज की बुआई पशु चालित मशीन से करते हैं। जैसे – बैल चलित सीड ड्रिल।
खाद – पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए जीवांशों से निर्मित खाद का प्रयोग करना चाहिए जैसे – मलमूत्र, खून, हड्डी, चमड़ा, सीग, फसल अवशेष खरपतवार से निर्मित होने वाली खादें या वर्मी कम्पोस्ट, नॉडेप कम्पोस्ट, काउपैट पिट कम्पोस्ट आदि।
कटाई-मड़ाई, भंडारण –
कटाई – मड़ाई बैल चालित यंत्रों से करना चाहिए और भण्डारण करना चाहिए।
फसल चक्र –
- फसल चक्र करने से रोग व कीट कम लगते हैं।
- भूमि की उर्वरता बनी रहती है।
- अधिक उत्पादकता
- मृदा संरचना का विकास
- उत्पादों का उचित मूल्य
- न्यून प्रतिस्पर्धा
- परिवार को रोजगार
जैविक खेती से लाभ –
भूमि का स्वास्थ्य सुधरता है पशु, मानव एवं लाभदायक सूक्ष्म जीवों का स्वास्थ्य सुधरता है। पर्यावरण प्रदूषण कम होता है। पशुपालन को बढ़ावा मिलता है। जिससे रोजगार के साथ-साथ आय बढ़ती है।
जैविक व हरी खादों में औसत पोषक तत्व (प्रतिशत में) | |||
जैविक खाद | पोषक तत्व | ||
नाइट्रोजन | फास्फोरस | पोटाश | |
फार्मयार्ड खाद | 0.8 | 0.41 | 0.74 |
कम्पोस्ट खाद | 1.24 | 1.92 | 1.07 |
वर्मी कम्पोस्ट | 1.6 | 2.2 | 0.67 |
धान पुआल की खाद | 1.59 | 1.34 | 1.37 |
गेहूं भूसा की खाद | 2.9 | 2.05 | 0.9 |
प्रेसमड | 2.73 | 1.81 | 1.31 |
जलकुंभी | 2 | 1 | 2.3 |
मुर्गी खाद | 2.87 | 2.93 | 2.35 |
हरी खाद | |||
सनई | 0.43 | 0.12 | 0.5 |
ढैंचा | 0.5 | 0.1 | 0.5 |
विनौला | 3.9 | 1.8 | 1.6 |
महुआ केक | 2.5 | 0.8 | 1.8 |
नीम केक | 5.2 | 1 | 1.4 |
मूंगफली की खली | 7.4 | 1.5 | 1.3 |
सनफ्लावर | 7.9 | 2.2 | 1.9 |
तिल केक | 6.2 | 2 | 2.2 |
सरसों की खली | 5.15 | 1.8 | 1.2 |