Uncategorized

देसी चने पर आयात शुल्क 60 फीसदी हुआ

Share

मुम्बई। केन्द्र सरकार ने पाम आयल और चने पर आयात शुल्क में वृद्धि की है। कच्चे पाम तेल (सीपीओ) पर शुल्क को 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 44 प्रतिशत कर दिया है और आरबीडी (रिफाइंड किस्म) के आयात शुल्क को 40 प्रतिशत से बढ़ाकर 54 प्रतिशत। काबुली चने (सफेद चना) का 40 प्रतिशत आयात शुल्क अब बढ़कर 54 प्रतिशत हो गया है। इसी तरह देसी चने (काला चना) के 40 प्रतिशत शुल्क को बढ़ाकर 60 प्रतिशत कर दिया गया है।
किसानों के संरक्षण के लिए आयात शुल्क विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के नियमों के तहत तय दरों तक बढ़ाया जा सकता है। खाद्य तेलों के लिये ये दरें 300 प्रतिशत तक और चने तथा सोयाबीन तेल के लिए क्रमश: 60 प्रतिशत और 45 प्रतिशत तक बढ़ाई जा सकती हैं। 1 फरवरी को पेश किए गए केन्द्रीय बजट में वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने कच्चे वनस्पति तेलों पर आयात शुल्क को 12.5 से बढ़ाकर 30 प्रतिशत और परिष्कृत किस्म के लिए 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 35 प्रतिशत करने की घोषणा की थी।
सफेद सरसों- सरसों, सोया तेल और सूरजमुखी तेल जैसे नरम तेलों के लिए शुल्क में कोई बदलाव नहीं किया गया है। 10 प्रतिशत सामाजिक कल्याणकारी उपकर के बाद काबुली और देसी चने का शुद्ध आयात शुल्क क्रमश: 59.4 प्रतिशत और 66 प्रतिशत हो जाएगा।

कृषि संबंधी सुझावों के लिये
राज्य-स्तरीय समिति गठित

भोपाल। मध्यप्रदेश में कृषि के क्षेत्र में और अधिक सुधार के लिये सुझाव आमंत्रित करने के लिये राज्य शासन ने अपर मुख्य सचिव, वित्त श्री ए.पी. श्रीवास्तव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय समिति का गठन किया है। इस समिति में अपर मुख्य सचिव श्री पी.सी. मीणा, श्री राधेश्याम जुलानिया और श्री इकबाल सिंह बैंस तथा प्रमख सचिव डॉ. राजेश राजौरा को सदस्य बनाया गया है।
यह समिति 15 मार्च, 2018 तक अपने सुझावों से सीधे मुख्यमंत्री को अवगत कराएगी।

बेहतर फसल की वजह से हाल के महीनों में तेल की कीमतों में काफी कमी आई है। भारत मुख्य रूप से इंडोनेशिया और मलेशिया से पाम ऑयल तथा अर्जेन्टीना और ब्रजील से सोयाबीन तेल का आयात करता है। यह कुछ मात्रा में यूक्रेन से सूरजमुखी का तेल और कनाडा से सफेद सरसों का तेल भी खरीदता है। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष ने इस हालिया वृद्धि पर कहा कि यह समय पर हुआ है क्योंकि भारत की इन पर निर्भरता भयावह स्तर तक पहुंच रही थी।

Share
Advertisements

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *