अधिक उत्पादन के लिये अपोजी लेजर लैण्ड लेवलर
भोपाल। आधुनिक खेती में अधिक उत्पादन के लिये जितना महत्व उत्तम बीज, संतुलित उर्वरक, रोग व कीट नियंत्रण का है उतना ही महत्व भूमि की प्रकृति का भी है। यदि खेत की सतह ऊंची-नीची होगी तो फसल के जड़ क्षेत्र में बीज से लेकर सिंचाई के पानी तक का वितरण असामान्य होगा जिसका प्रभाव फसल उत्पादन पर पड़ेगा। सिंचाई के लिये वर्तमान में प्रयोग किये जाने वाले सूक्ष्म सिंचाई प्रबंधन के लिये भी भूमि का समतलीकरण आवश्यक है।
इसी को ध्यान में रखते हुए 8 वर्ष पूर्व हापुड़ में अपोजी प्रीसिजन लेजर कंपनी की शुरूआत हुई। वर्तमान में कंपनी लेजर लैण्ड लेवलर की विशाल श्रृंखला का निर्माण कर रही है। अपोजी के लैण्ड लेवलर में आधुनिक लेजर तकनीक का उपयोग किया जाता है। कंपनी ने उत्तर प्रदेश व गुजरात के बाद मध्यप्रदेश में भी कार्य करना प्रारंभ कर दिया। कंपनी के डायरेक्टर श्री गुरदेव सिंह ने कहा कि अपोजी प्रीसिजन लेजर की स्थापना का उद्देश्य कृषकों को खेती व भूमि की तैयारी के लिये आधुनिक तकनीक उपलब्ध कराना है। सामान्यत: भूमि समतलीकरण का आधार दो दृष्टिकोण होते हैं। पहला पानी के बहाव को नियंत्रित करने के लिये ढलान बनाना तथा दूसरा मिट्टी के कम से कम संचलन के साथ भूमि का समतलीकरण करना। भूमि का समतलीकरण पानी, मानव श्रम व ऊर्जा के उपयोग की क्षमता को बढ़ाता है।
भूमि समतलीकरण से लाभ
द्य उत्पादकता में वृद्धि
द्य पानी की बचत
द्य मानव श्रम व ऊर्जा की उपयोग क्षमता में वृद्धि
द्य सम्पूर्ण जमीन का उपयोग
द्य सूक्ष्म सिंचाई प्रबंधन में सहायक