Uncategorized

किसानों को मिलेगा 90 फीसदी तक अनुदान

मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना के जरिए ऐसे क्षेत्रों में किसानों को बिजली उपलब्ध कराई जाएगी जहां स्थायी विद्युत पंप कनेक्शन देने की व्यवस्था नहीं है या फिर वहां विद्युत अधोसंरचना का विकास नहीं हुआ है।

इस योजना के क्रियान्वयन की तैयारी पूरी कर ली गई है। इस वर्ष 15 हजार सोलर पंप वितरण का लक्ष्य रखा गया है। इसमें केन्द्र एवं राज्य शासन द्वारा अधिकतम 90 फीसदी तक अनुदान दिया जाएगा। इसके लिए आवेदन पत्र भी 15 अप्रैल से 15 मई 2017 के मध्य आमंत्रित किए गए हैं। यह जानकारी म.प्र. ऊर्जा विकास निगम के प्रबंध संचालक श्री मनु श्रीवास्तव ने कृषक जगत को एक विशेष मुलाकात में दी।

सिंचाई की बेहतर सुविधा

श्री श्रीवास्तव ने बताया कि इस महत्वाकांक्षी योजना के प्रारंभ होने से दूरस्थ अंचल के किसानों को सिंचाई करने में मदद मिलेगी तथा वे बेहतर उत्पादन ले सकेंगे। उन्होंने बताया कि इस योजना में इस वर्ष 15 हजार सोलर पंप स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। यदि लक्ष्य से अधिक पंपों के लिये आवेदन पत्र प्राप्त होते हैं तो उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी जहां बिजली नहीं है, ट्रांसफार्मर हटाए गए हंै, खेत की दूरी बिजली लाईन से 300 मीटर से अधिक है तथा फसल चयन के कारण जहां वाटर पंपिंग की आवश्यकता अधिक रहती है।

सोलर पंप पर 5 वर्ष की गारंटी

श्री श्रीवास्तव ने बताया कि सोलर पंप योजना में व्यक्तिगत हितग्राहियों के साथ ही किसानों के समूह को भी लाभान्वित किया जाएगा। योजना में सोलर पंप संयंत्र में पांच वर्ष की गारंटी के साथ रख-रखाव भी शामिल होगा। पंप चोरी होने पर भी बीमा का प्रावधान रखा गया है। उन्होंने बताया कि डीसी पंप अन्य पंपों के मुकाबले 10 फीसदी अधिक पानी फेंकता है। उन्होंने बताया कि इस योजना का क्रियान्वयन ऊर्जा विकास निगम द्वारा कृषि विभाग के समन्वय से किया जाएगा।

कृषक अंश 

प्रबंध संचालक ने बताया कि योजना में 10 प्रकार के विभिन्न क्षमताओं के सोलर पंप सिस्टम अनुदान पर स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है इसमें एसी व डी.सी. सबमर्सिबल पंप शामिल हैं। उन्होंने बताया कि एक, दो, तीन एवं पांच एच.पी. तक के डी.सी. सबमर्सिबल पंप पर कुल लागत का 10 से 15 फीसदी तक की राशि किसान को कृषक अंश के रूप में देना होगी। इसी प्रकार 5 एच.पी. के ए.सी. सबमर्सिबल तथा 2 एच.पी. के डी.सी. सरफेस पंप पर भी लगभग 10 फीसदी कृषक अंश देय होगा। उन्होंने बताया कि इससे अधिक 7.5 एचपी के ए.सी. एवं डी.सी. सबमर्सिबल पंप तथा 10 एच.पी. के एसी एवं डी.सी. सबमर्सिबल पंप पर कुल लागत का लगभग 50 फीसदी कृषक को कृषक अंश देना होगा।
ज्ञातव्य है कि मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना को गत वर्ष 2016 में केबिनेट द्वारा मंजूरी दी गई थी। लगभग नौ माह पश्चात इसे अमलीजामा पहनाने की तैयारी ऊर्जा विकास निगम द्वारा पूरी कर लीगई है। हितग्राही या किसानों के समूह आवेदन के लिये जिलों में अक्षय ऊर्जा अधिकारी एवं उपसंचालक कृषि से संपर्क कर सकते हैं।

Advertisements

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *