State News (राज्य कृषि समाचार)

किसानों की आय दोगुना करने पर जोर

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नई दिल्ली। देश में किसानों की आय 2022 तक दोगुना करने के लिये कृषि मंत्रालय निरन्तर प्रयासरत् है। इसके लिये मृदा स्वास्थ्य कार्ड, अऋणी किसानों का बढ़ता कवरेज, इनाम, आईपीएम सूखा प्रबंधन एवं पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट जैसे विषयों पर चर्चा कर इसका उचित क्रियान्वयन करना आवश्यक है। यह बात केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने नई दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय रबी सम्मेलन में कही। उन्होंने ई-नाम योजना को गंभीरता से लेने की राज्यों के अधिकारियों से अपील की। उन्होंने कहा कि आय दोगुनी करने के लिये राज्यों को स्वयं रणनीति बनानी चाहिए।

मुख्य बिन्दु

  • 455 मंडियों में सीधी खरीद बंद होगी
  • फसलों की उत्पादकता बढ़ाने पर जोर
  • राज्य अपनी रणनीति स्वयं बनाएं
  • ई-नाम योजना को गंभीरता से लें
  • पूर्वोत्तर को जैविक क्षेत्र बनाने का लक्ष्य

केंद्र सरकार ने 13 राज्यों की उन 455 मंडियों में 30 सितंबर से सीधी खरीद पर रोक लगाने की योजना बनाई है, जिन्हें इलेक्ट्रॉनिक राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) में बदल दिया गया है। अधिकारियों ने कहा कि इस दिशा में राज्यों को जल्द दिशा निर्देश दिए जाने की संभावना है, जिससे (ई-नाम) की सुविधा वाली मंडियों में सीधी खरीद की व्यवस्था पूरी तरह से रुक जाएगी। राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री श्री राधामोहन सिंह ने कहा कि न सिर्फ विभिन्न फसलों की उत्पादकता बढ़ाए जाने की जरूरत है, बल्कि कृषि संबंधी सहायक गतिविधियों जैसे पौधरोपण और मधमुक्खी पालन आदि की भी जरूरत है।

केंद्र सरकार ने ही पहले ही 4 खंडों में रिपोर्ट दी है, जिसमें किसानों की आमदनी बढ़ाने संबंधी सुझाव दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्यों को इसका अध्ययन कर यह देखना चाहिए कि वह अपने राज्य के किसानों की आमदनी किस तरह से बढ़ा सकते हैं। श्री सिंह ने कहा, ‘सरकार का लक्ष्य है कि उत्पादकता बढ़े और किसानों को उनके उत्पाद का लाभकारी मूल्य मिल सके।

उन्होंने कहा कि यह योजनाएं लागू करते समय राज्यों को अपनी रणनीति तैयार करनी चाहिए जिससे उत्पादन से लेकर उत्पादन के बाद की गतिविधियों से किसानोंं की आमदनी बढ़ सके। उन्होंने कहा, ‘यह हमारा दायित्व है कि कृषि क्षेत्र के सुधार के लिए विशेष कोशिश की जाए जिससे इस क्षेत्र में कारोबार की मजबूत संभावनाएं उपलब्ध हो सकें। कृषि सचिव श्री एस के पटनायक ने कहा कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करना हमारा मंत्र होना चाहिए और हम सभी को इसके लिए प्रयास करना चाहिए। जमीनी स्तर पर सात प्रमुख योजनाओं को परिचालन में लाया गया है।

उन्होंने राज्यों से ई-नाम परियोजना को गंभीरता से लेने की अपील की और इसके लिए आधारभूत ढांचा को तैयार करने को कहा ताकि किसान ऑनलाइन कारोबार कर सकें। उन्होंने कहा कि एक बार यह व्यवस्थित हो जाए तो किसानों को लाभकारी मूल्य प्राप्त होंगे और आय को दोगुना करने में मदद मिलेगी। कीमतों के टूटने की स्थिति में किसानों को समर्थन मूल्य की प्राप्ति सुनिश्चित हो, इसके लिए सचिव कृषि ने कहा कि केंद्र ने एक नई बाजार आश्वासन योजना का मसौदा बनाया है और राज्यों से इसका अध्ययन करने और इसे वे किस तरह से अमल में लाएंगे, इस बारे में अपनी राय को साझा करने को कहा है। जैविक खेती के बारे में उन्होंने कहा कि अभी तक केवल सिक्किम को पूरी तरह से जैविक राज्य घोषित किया गया है। केंद्र का लक्ष्य है कि किस तरह से पूर्वोत्तर का क्षेत्र पूर्णतया जैविक राज्य बने। धन मौजूद है लेकिन राज्यों को रुचि प्रदर्शित करनी होगी।

रबी सम्मेलन में म.प्र. का प्रतिनिधित्व करते हुए प्रमुख सचिव कृषि डॉ. राजेश राजौरा ने हाल ही में लागू की गई मुख्यमंत्री भावांतर भुगतान योजना का प्रभावी प्रस्तुतिकरण दिया जिसे अन्य राज्यों के अधिकारियों ने सराहा तथा योजना की विस्तृत जानकारी ली। ज्ञातव्य है कि हाल ही में नीति आयोग के सदस्य श्री रमेशचंद्र ने भी म.प्र. भ्रमण के दौरान भावांतर भुगतान योजना की सराहना की थी।

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