चीन में खेती और डीबीटी
चीन की खेती, ग्राम्य जीवन, महिलाओं की भागीदारी के बारे में जानकारी कृषक जगत के पाठकों से साझा की है श्री प्रशांत खिरवड़कर ने। आप चीन में गत 10 वर्षों से एग्रो केमिकल्स विपणन से जुड़े हैं। श्री खिरवड़कर मेकडरमिड शंघाई केमिकल कंपनी लि. के डायरेक्टर मार्केटिंग एवं अरीस्टा लाईफ साईंस कंपनी के नार्थ एशिया के प्रमुख हैं। आपने भारत में एग्रो केमिकल्स उद्योग में विपणन क्षेत्र में अनेक उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं।
कम्युनिस्ट देश चीन में भी किसानों को सरकारी अनुदान सहायता (डीबीटी) सीधे उनके बैंक खातों में पहुंच जाती है। कम्युनिस्ट देश चीन में प्रत्येक किसान का बैंक खाता है, जो उसके जन्म परिचय पत्र से जुड़ा है। चीन में खाद-बीज की दुकानें महिलाओं द्वारा बखूबी संचालित की जा रही हैं। चीनी किसान के पास औसत कृषि भूमि एक एकड़ है, पर संतुष्ट है। ग्रामीण क्षेत्र में सौर्य ऊर्जा का बखूबी उपयोग किया जाता है। सिंचाई पंपों, गांव की स्ट्रीट लाइटें भी सौर्य ऊर्जा से चलती हैं। श्री खिरवड़कर ये भी बताते हैं कि यहां पर अधिकांशत: सब्जियां प्लास्टिक कवर या पॉली हाउस में लगाई जाती हैं जिनकी ऊंचाई कम होती है। इसलिए कीटनाशकों का उपयोग भी कम होता है।