रिलायंस फाउण्डेशन की किसानों को सलाह
- धान में यदि पौधों की पत्तियॉँ ऊपरी किनारा लेती हुई सामूहिक रूप से, नमी रहते हुए भी झुलस रही हों तो यह झुलसन बीमारी है। बीमारी से बचाव हेतु डायथेन एम 45 दवा 2 ग्राम/लीटर एवं स्ट्रोप्टोसाइक्लिन दवा 0.35 ग्राम/लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।द्य धान में यदि पौधों की पत्तियॉँ ऊपरी किनारा लेती हुई सामूहिक रूप से, नमी रहते हुए भी झुलस रही हों तो यह झुलसन बीमारी है। बीमारी से बचाव हेतु डायथेन एम 45 दवा 2 ग्राम/लीटर एवं स्ट्रोप्टोसाइक्लिन दवा 0.35 ग्राम/लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।
- अरहर में निंदाई-गुड़ाई करें एवं पत्ती छेदक कीटों के नियंत्रण हेतु ट्रायजोफॉस 40 प्रतिशत दवा या क्विनालफॉस 25 प्रतिशत दवा की 400 मिली मात्रा को 200 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।
- फसलों की गहाई पश्चात 2-3 दिन बीज को धूप में सुखाएं जिससे भंडारण हेतु इसकी नमी 10-12 प्रतिशत तक कम की जा सके। सोयाबीन बीज को भंडारण हेतु एचडीपीई बैग का उपयोग कर हवादार एवं नमी रहित भंडारगृह में सुरक्षित रखें।
- रबी फसलों के लिए उन्नत बीज एवं आदानों की समुचित व्यवस्था करें। चने की उन्नत किस्में इस प्रकार हैं-जे.जी.-130, जे.जी.-11, जे.जी.-315, जाकी-9218, काबुली चने में काक-2, जे.जी.के.-1 आदि।
उद्यानिकी
- रबी फसल के लिए खाली खेत की तैयारी करें लहसुन लगाने की तैयारी करें। खेत में नमी होने पर सब्जी वाली फसलें जैसे- मिर्ची, बैंगन, पत्ता गोभी, फूलगोभी, प्याज एवं टमाटर की तैयार पौध का मुख्य खेत में निर्धारित दूरी पर रोपण करने के पहले फफूंदनाशक दवा से उपचारित कर पौध रोपण करें।
- पत्तागोभी एवं फूलगोभी की मध्यकालीन किस्मों की रोपणी तैयार करें।
पशुपालन
- पशुओं को हवादार एवं सूखे स्थान में रखें। पशुओं को कृमिनाशक दवा का सेवन कराये। प्रतिरोधक टीके लगवायेेंं।
- खाली खेतों में हरे चारे हेतु बरसीम की बोवाई करें। दुधारू गायों को नियमित स्वच्छ पानी पिलाएं एवं मच्छरों से बचाव करें एवं विभिन्न बीमारियों से बचाव हेतु टीकाकरण करें।
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