रिलायंस फाउण्डेशन की किसानों को सलाह
- रबी की संवेदनशील फसलों जैसे मटर, मसूर, चना एवं सब्जियों को पाले से बचाव के लिए हल्की सिंचाई करें एवं खेत की मेढ़ पर भूसा जलाकर धुआं करें। घुलनशील सल्फर का 1 मिली प्रति लीटर पानी में घोल बानाकर छिड़काव करे।
- मटर में चूर्णिल फफूंदी का प्रकोप होने पर नियंत्रण हेतु सल्फर पाउडर 80 प्रतिशत डबल्यूपी दवा 3 ग्राम प्रति लीटर की दर से छिड़काव करें एवं फली छेदक कीट के नियंत्रण के लिए क्विनालफॉस 2.5 मिली प्रति लीटर की दर से घोल बनाकर 15 दिनों के अन्तराल पर छिड़काव करें।
- सरसों में चेपा कीट का प्रकोप अधिक हो तो इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एसएल एक मिली/तीन लीटर पानी में या डायमेथोएड दवा का 1.0 मिली/लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
- चने में जड़ सडऩ (कालर राट) की अवस्था दिखाई देने पर कार्बेण्डाजिम+ मेन्कोजेब (1+2) 3 ग्राम/लीटर पानी में मिलाकर फसल व तने पर छिड़काव करें।
उद्यानिकी
- मिर्च में भभूतिया रोग के लक्षण दिखाई देने पर घुलनशील गधंक 3 ग्राम/लीटर के हिसाब से छिड़काव करें। सब्जियों में माहो नियंत्रण के लिए डायमिथेएट 2 मिली./लीटर का छिड़काव करें।
- आम के उत्पादन को बढ़ाने एवं फूल/फल को झडऩे से रोकने के लिये मटर के आकार वाली अवस्था पर 100 पीपीएम की दर से प्लानोफिक्स (नेफ्थलीन एसीटिक एसिड या एनएए) दवा एक मिली प्रति तीन लीटर पानी में (5 मिली/पम्प) घोल बनाकर बांस की सहायता से आम के पेड़ों पर 2 से 3 बार छिड़काव करें। (छिड़काव 15 दिन के अंतर से करें)
पशुपालन
- दुग्ध उत्पादन बढाऩे हेतु दाना, हरे एवं शुष्क चारे के मिश्रण के साथ खिलायें। बरसीम की कटाई के बाद खेत को सिंचित करें एवं यूरिया का छिड़काव करें।
- पशुओं को ठंड से बचाने के लिए पशुशाला का तापमान हीटर या आग जलाकर नियंत्रित करें साथ पशुशाला में पशुओं को बैठने के लिए भूसा या पुआल का प्रयोग करें।
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