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रबी बुवाई 590 लाख हेक्टेयर से अधिक

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नई दिल्ली। देश में रबी फसलों की बुवाई 590 लाख हेक्टेयर को पार कर गई है। जबकि गत वर्ष इस समय तक 609 लाख हेक्टेयर में बोनी कर ली गई थी। चालू रबी वर्ष में मौसम की बेरुखी को कम बुवाई का कारण माना जा रहा है इसके बावजूद उत्पादन में कमी की संभावना नहीं है, क्योंकि हाल ही में हुई मावठे की वर्षा तथा तापमान में गिरावट आने से गेहूं फसल को नया जीवनदान मिल गया है।
उत्तरी और मध्य भारत में तेज ठंड की स्थिति अगले कुछ दिनों में खत्म हो सकती है। मौसम विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इसके बाद तापमान धीरे-धीरे बढ़ेगा।
हालांकि यह ठंड खत्म होने का संकेत नहीं है और आने वाले दिनों मेंं सर्द हवाएं फिर लौट सकती हैं, लेकिन इसका असर पहले जैसा नहींं रहेगा।
अधिकारियों का कहना है कि गेहूं और सरसों की खड़ी फसल पर किसी खास असर के बारे में फरवरी के आखिर और मार्च में ही जानकारी मिल सकेगी। बारिश से सिंचाई वाले इलाके में तापमान में अचानक बढ़ोतरी से फसल पर असर पड़ सकता है, जबकि सिंचित क्षेत्र में तापमान बढऩे से किसानों को ज्यादा समय तक पंप चलाना पड़ सकता है।
ज्ञातव्य है कि रबी की प्रमुख फसल गेहूं के रकबे में गत वर्ष की तुलना में कमी आयी है। कृषि मंत्रालय के मुताबिक अब तक हुई 591.51 लाख हेक्टेयर कुल रबी बोनी में केवल गेहूं 292.52 लाख हेक्टेयर में बोया गया है। जबकि गत वर्ष इस समय तक 305.94 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बोनी कर ली गई थी। गत वर्ष कुल रबी बुवाई अब तक 609.31 लाख हेक्टेयर में हुई थी।
चालू रबी में अब तक दलहनी फसलें 139.08 लाख हेक्टेयर में, मोटे अनाज 60.08 लाख हेक्टेयर में, तिलहनी फसलें 77.43 लाख हेक्टेयर में एवं धान 22.41 लाख हेक्टेयर में बोई गई हैं।

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