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रबी फसलों का समर्थन मूल्य घोषित गेहूं का एमएसपी 1625 रु. क्विं. तय

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में गत दिनों आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी की बैठक में न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया गया। बैठक में 100 रु. से लेकर 550 रुपये प्रति क्विं. तक की बढ़ोत्तरी की गई है। वहीं दलहनी फसलों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 150 से 200 रु. प्रति क्विंटल के हिसाब से बोनस देने की घोषणा भी की गई है। यह बोनस चना एवं मसूर पर दिया जाएगा। इसके साथ ही 2016-17 में सरसों एवं कुसुम पर भी 100-100 रुपए प्रति क्विं. बोनस देने का निर्णय लिया गया है। समर्थन मूल्य में यह बोनस शामिल है। बैठक में चने का समर्थन मूल्य 4000 रु. तथा सरसों एवं मसूर का समर्थन मूल्य क्रमश: 3700 एवं 3950 रु. प्रति क्विं. तय किया गया है। सरकार के मुताबिक गेहूं के एमएसपी में 100 रु. की वृद्धि कर इस वर्ष मूल्य 1625 रु. प्रति क्विं. दिया गया है जबकि गत वर्ष एमएसपी 1525 रु. प्रति क्विं. था। जौ का न्यूनतम समर्थन मूल्य 100 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 1325 रु. प्रति क्विंटल किया गया है। चना और मसूर के न्यूनतम समर्थन मूल्य में क्रमश: 500-550 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि गत वर्ष की तुलना में की गई। इसका न्यूनतम समर्थन मूल्य क्रमश: 4000 रु. प्रति क्विंटल तथा 3950 रु. प्रति क्विंटल किया गया। सरसों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में भी 350 रु. प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई। इसका न्यूनतम समर्थन मूल्य 3700 रु. प्रति क्विंटल निश्चित किया गया। कुसुम के न्यूनतम समर्थन मूल्य में पिछले वर्ष के न्यूनतम समर्थन मूल्य के मुकाबले 400 रु. प्रति क्विंटल की वृद्धि कर इसका न्यूनतम समर्थन मूल्य 3700 रु. प्रति क्विंटल निश्चित किया  गया है। ज्ञातव्य है कि गेहूं रबी की प्रमुख फसल है। सरकार अप्रैल से जून के मध्य समर्थन मूल्य पर इसकी खरीदी करती है। उल्लेखनीय है कि देश में दलहन की कमी के चलते सालाना 30 से 40 लाख टन दालें आयात  करना पड़ती है।
कृषि मंत्रालय ने उम्मीद जताई है कि अधिक समर्थन मूल्य मिलने पर किसान खरीफ की तरह रबी में भी दलहनों की रिकॉर्ड पैदावार करेंगे।

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