Uncategorized

मसूर में उकठा, तिवड़े में माहू- उत्पादन कम

Share

रायसेन। कृषि विज्ञान केन्द्र, रायसेन में आत्मा परियोजना अन्तर्गत रबी कृषक वैज्ञानिक परिचर्चा में उपसंचालक कृषि श्री ए.के. उपाध्याय, श्री एस.के. दोहरे, डिप्टी आत्मा, श्रीमती राधा दुबे सदस्य आत्मा गवर्निंग बॉडी व कृषि विज्ञान केन्द्र, रायसेन के वरिष्ठ वैज्ञानिक व प्रमुख डॉ. स्वप्निल दुबे और जिले में विभिन्न विकासखण्डों में पदस्थ आत्मा परियेजना अन्तर्गत बी.टी.एम. व एस.एम.एस. भी प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
उपसंचालक कृषि श्री उपाध्याय ने कृषक वैज्ञानिक परिचर्चा में कृषकों से सीधे सम्वाद करते हुए रबी फसलों सम्बन्धी उनकी समस्याएं सुनी जिनमें गेहूं में जड़ माहू, चना व मसूर में उकठा, मसूर व तिवड़ा में माहू, तुअर फसल में पाले का प्रकोप प्रमुख थी।
कृषकों से चर्चा करते हुए डॉ. स्वप्निल दुबे ने गेहूं की नवीनतम किस्में पूसा मंगल, पूसा अनमोल चने की उकठा निरोधी किस्में. जे.जी.-16, जे.जी.-63, मसूर की एच.यू.एल.-57 व पी.एल.-8 व अलसी की जे.एल.एस.-27 व जे.एल.एस.-67 किस्मों सम्बन्धी, साथ ही धान-गेहूं फसल प्रणाली में जीरो टिलेज तकनीक उपयोग कर देर से बुवाई हेतु उन्नत प्रजाति एम.पी.-1203 व एम.पी.-3336 किस्मों व मूंग की नवीनतम किस्म आई.पी.एम.-205-7 (विराट) की विस्तृत जानकारी दी।
कीट वैज्ञानिक श्री प्रदीप द्विवेदी द्वारा दलहनी फसलों में समन्वित कीट व रोग नियंत्रण, श्री मुकुल कुमार उद्यानिकी विशेषज्ञ द्वारा ड्रिप व प्लास्टिक मल्चिंग तकनीक तथा मृदा वैज्ञानिक श्री रंजीत सिंह राघव द्वारा समन्वित पोषण प्रबंधन के सम्बन्ध में जानकारी दी गई।
इस कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केन्द्र, रायसेन के वैज्ञानिक डॉ. सर्वेश त्रिपाठी, श्री मुकुल कुमार, डॉ. अंशुमान गुप्ता, श्री सुनील केथवास व श्री रोहित साहू उपस्थित थे।

Share
Advertisements

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *