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मजबूती से टिका है 3 पीढिय़ों के विश्वास पर विजिलेंस

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 म.प्र. की व्यवसायिक राजधानी इंदौर में 35 वर्ष पूर्व वर्ष 1982 में एक व्यक्ति के दिमाग में एक विचार कोंधा। यह विचार वर्तमान के ‘स्टार्टअप’ का अणु रूप था। ‘आइडिया’ था छोटे व्यापारियों, व्यवसाईयों को विज्ञापन की विशेषताओं से रूबरू कराना और विशेष रूप से खेती -किसानी के आदान व्यापार में जुटे व्यापारिक संस्थानों को जोडऩा। स्व. श्री कन्हैयालाल जी फरक्या द्वारा विजिलेंस पब्लिसिटी के रूप में शुरू हुई ये अणु पहल आज मध्य भारत की शिखर विज्ञापन एजेंसी का ‘परमाणु’ आकार ले चुकी है। अपनी स्थापना की 35 वीं सालगिरह को ‘पीढिय़ों के विश्वास’ की थीम पर उत्सव रूप दे रही विजिलेंस पब्लिसिटी ने वस्तु को विज्ञापन, विपणन की जुगलबंदी से नया रूप दिया और एडवरटायजिंग के पारंपरिक मान्य ढांचे से बाहर निकालकर गांव-गांव, ढाणी -ढाणी तक पहुंचाया। और इसके साथ ही महानगरों में भी अपना परचम लहराया।
संस्थापक स्व. श्री फरक्या ने ‘माइक्रो लेवल मार्केटिंग’ को विस्तार दिया और खेती में दखल रखने वाले लघु व्यापारियों को भी विज्ञापन विधा की खूबियां बताई और उनके व्यापार के विकास का नया मार्ग प्रशस्त किया। उनके पुत्रों स्व. श्री दिनेश फरक्या और स्व. श्री गोविंद फरक्या ने संपूर्ण मध्यप्रदेश व आसपास के राज्यों के गांव-गांव तक अपनी पहुंच को बनाया। निमाड़ का कपास हो या मालवा का सोयाबीन हर क्रॉप व उससे जुड़े छोटे-बड़े मुद्दों को समझते हुए सही मीडियम व सॉल्यूशन्स के जरिये खेत-खलिहान तक अपनी पहुंच बनाई।
विजिलेंस के श्री प्रमोद फरक्या के अनुसार ‘पिताजी और अग्रजों से हमें बहुत कुछ मिला है। डिटेल प्लानिंग और माइक्रो लेवल एग्जीक्यूशन से मार्केट की हर नब्ज को समझते हुए कृषि उत्पादों की मार्केटिंग में 35 वर्ष का बड़ा सफर तय किया है। यही कारण है कि इस क्षेत्र में ऑपरेट करने वाली हर छोटी-बड़ी कंपनी अपने मार्केटिंग सॉल्यूशन्स के लिये विजिलेंस से जुड़ी है। विजिलेंस ने कभी अपनी जमीन नहीं छोड़ी और कभी किसी के लिये वेंडर बनकर काम नहीं किया। हम पार्टनर बनकर काम करने में विश्वास करते हैं। हमारा लक्ष्य रहा है प्रत्येक क्लाइंट की जरूरत को समझते हुए उसे सॉल्यूशन्स उपलब्ध कराएं  और सफल क्रियान्वयन तक उसके साथ रहें।
देश के कई बड़े ब्रांड्स की मार्केटिंग में संलग्न विजिलेंस की खासियत है कि यह एजेंसी ‘आर्मचेयर’ मार्केटिंग में विश्वास नहीं करती। उनका मानना है खेती किसानी जमीन का बिजनेस है और यह जमीन से जुड़े रहकर ही किया जा सकता है। विजिलेंस पिछले 3 दशकों से सतत देश के अग्रणी अखबारों में रबी और खरीफ पर कृषि परिशिष्ट का प्रकाशन करती है। दिनों-दिन महंगे होते मार्केटिंग परिदृश्य में क्लाइंट्स को कम से कम कीमत में अपने विज्ञापन और आलेख के माध्यम से संपूर्ण प्रदेश के किसानों तक अपनी बात पहुंचाने का अवसर प्रदान करती है। यह वर्षों से चली आ रही सफल परिपाटी का मात्र एक उदाहरण है। कृषक जगत विजिलेंस पब्लिसिटी को उसकी खूबियों के लिये विभिन्न अवसरों पर सम्मानित कर गौरवान्वित भी हुआ है। इसी तरह की पत्र-पत्रिकाओं, इवेंट्स और मेलों के माध्यम से किसानों से उत्पादों को जोड़कर विजिलेंस कृषि विपणन क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान दे रही है।

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