Uncategorized

प्रति विचार बीज बचेगा तो हम बचेंगे

Share

– निक डियरडेन

वेनेजुएला ने जीएम बीजों पर रोक लगाकर और देशज बीजों की खरीदी, बिक्री या निजीकरण पर रोक लगाकर अत्यंत क्रांतिकारी कदम उठाया है। इतना ही उन्होंने एकल फसल पद्धति को भी गैरकानूनी ठहरा दिया है।

वेनेजुएला की प्रगतिशील राष्ट्रीय असेम्बली (संसद) के भंग होने के कुछ ही समय पूर्व सदस्यों ने एक ऐसा कानून पारित किया जो कि एक वास्तविक लोकतांत्रिक खाद्य प्रणाली की नींव रखेगा। देश ने न केवल जीनांतरित (जी.एम.) बीजों को प्रतिबंधित कर दिया बल्कि एक ऐसा लोकतांत्रिक ढांचा भी तैयार कर दिया है जो कि यह सुनिश्चित करेगा कि बीजों का निजीकरण न होने पाए एवं देशज ज्ञान को कारपोरेट्स को न बेचा जा सके। राष्ट्रपति मोडुरो ने नए वर्ष के पूर्व इस प्रस्ताव को कानून बनाने की मंजूरी दे दी क्योंकि इसके बाद वहां मोडुरो विरोधी सदन शपथ लेने वाला था। गौरतलब है ह्युगो शावेज के दिनों से ही वेनेजुएला कृषि व्यापार (एग्री बिजनेस) के खिलाफ रहा है। इस दौर में यहां का सन् 2004 में 5 लाख एकड़ में मॉन्सेंटो मक्का की पैदावार रोकने का निर्णय अत्यंत प्रसिद्ध हुआ था। वास्तव में देश के लिये शावेज की औपचारिक रणनीति यह थी कि वे उत्पादन के एक ऐसे पर्यावरणीय समाजवादी मॉडल की बात करते थे जो कि मानव एवं प्रकृति में आपसी सामंजस्य बैठाता हो। इसका एक मात्र लक्ष्य था खाद्य सार्वभौमिकता या खाद्य उत्पादन पर लोकतांत्रिक नियंत्रण।
लेकिन यह देश में कृषि व्यापार को पैर जमाने से नहीं रोक पाया। विशाल कृषि व्यापार ने एक तरह से एक ऐसा युद्ध ही छेड़ दिया जिसके माध्यम से वे विश्वभर में जीवन के सर्वाधिक महत्वपूर्ण आधार ‘बीज पर पूर्ण एकाधिकार प्राप्त कर लें। कृषि व्यापार समूह अफ्रीका, लेटिन अमेरिका, एशिया और यूरोप तक में नए व कठोर बौद्धिक संपदा कानूनों की वकालत कर रहे हैं जिससे कि वह अधिक आसानी से पारंपरिक ज्ञान एवं संसाधन प्राप्त कर उन्हें पेटेंट करवा कर, उनसे प्राप्त लाभ पर अपना एकाधिकार जमा लें।
कृषि व्यापार समूह देश के सांसदों के साथ इस प्रकार से ढोंग रच रहा था जिससे कि जीएम बीजों को इस आधार पर अनुमति मिल जाए कि इन बीजों के माध्यम से, देश जो वर्तमान में खाद्य संकट से जूझ रहा है, उससे मुक्ति मिल जाएगी। लेकिन वेनेजुएला में एक दमदार किसान आंदोलन जो अंतर्राष्ट्रीय किसान नेटवर्क, लाविआ केम्पेसिना के अंतर्गत कार्य करता है, ने जोरदार मुंहतोड़ जवाब दिया। उन्होंने सन् 2013 के एक कानून को पारित ही नहीं होने दिया जिसके बाद पिछले दरवाजे से जी.एम. को प्रवेश मिल जाता। इतना ही नहीं उन्होंने दो वर्षों तक चली एक लोकतांत्रिक पहल के माध्यम से सांसदों, आंदोलनकारियों, किसानों और देशज समूहों को साथ में शामिल कर एक वास्तविक प्रगतिशील बीज कानून भी तैयार करवा दिया।
इसके परिणामस्वरूप क्रिसमस के पहले यह कानून पारित हो गया। यह कृषि पारिस्थितिकी प्रणाली को प्रोत्साहित करता है। यह एक ऐसा कृषि स्वरूप है जो प्रकृति के सान्निध्य में कार्य करता है और रसायनिक खादों कीटनाशकों एवं एकल फसलों को नकारता है। इस कानून का लक्ष्य है देश को अंतर्राष्ट्रीय खाद्य बाजारों से स्वतंत्र कराना। इस कानून ने बीजों का निजीकरण गैर कानूनी करार दिया है और यह इसके एवज में लघु एवं मध्यम स्तर की कृषि एवं जैव विविधता को प्रोत्साहित करता है। इसका अनुच्छेद 8, भाईचारे की भावना तथा बीजों के मुक्त आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करता है तथा बीज का बौद्धिक या पेटेंट संपत्ति या निजीकरण आदि किसी भी अन्य प्रकार के रूप में निषेध करता है।
वेनेजुएला का यह प्रयास कई मायनों में अत्यंत प्रभावशाली है क्योंकि सर्वप्रथम यह इसलिए कि इस समय देश अत्यंत भीषण खाद्य संकट से गुजर रहा है। इसके परिणामस्वरूप इसकी अंतर्राष्ट्रीय बाजारों पर काफी निर्भरता काफी बढ़ गई है और देश के भीतर और बाहर से वेनेजुएला को लगातार अस्थिर करने के उपाय किए जा रहे हैं। एक टिप्पणीकार का कहना है, वेनेजुएला के लोगों को ताबड़तोड़ खाद्य उत्पादन बढ़ाने के छलावे से बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता। खाद्य सार्वभौमिकता तो तभी प्राप्त की जा सकती है कि जबकि कृषि की सघन प्रणालियों की लंबी अवधि के लिए अपनाया जाए।
यह कानून इसलिये भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसकी वजह से वेनेजुएला में निर्णय लेने की प्रक्रिया एकदम जमीनी स्तर तक पहुंच गई है। अब बीजों के नियमन में सामान्य नागरिकों की भी शाश्वत भूमिका तय हो गई है। सत्ता के विकेंद्रीयकरण हेतु एक लोकप्रिय परिषद का गठन किया गया है जो कि अधिकारियों और राजनेताओं के साथ मिलकर एक दीर्घकालिक नीति का निर्माण करेगी। अंतत: वेनेजुएला को यह भान हो गया कि खाद्य सुरक्षा के विचार को वास्तविकता में बदलने का एकमात्र रास्ता आर्थिक लोकतंत्र है। ऐसे सारे देश जो कि कृषि व्यापार से संघर्ष कर रहे हैं वेनेजुएला उनके लिए उम्मीद की एक मशाल है।

(सप्रेस/थर्ड वल्र्ड नेटवर्क फीचर्स)

Share
Advertisements

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *