Crop Cultivation (फसल की खेती)

गर्मियों में लगाएं गेंदा

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भिन्न-भिन्न ऊंचाई एवं भिन्न-भिन्न रंगों के कारण लेण्ड स्केप की खूबसूरती बढ़ाने के भी काम आता है। यह क्यारियों में तथा हरबेसियस बॉर्डर के रूप में आसानी से उगाया जाने वाला पौधा है। इसके साथ सबसे महत्वपूर्ण एवं फायदेमंद बात यह है कि इसकी खेती वर्ष पर्यन्त आसानी से की जा सकती है तथा इसमें कम पानी की आवश्यकता होती है। साथ ही इसके पुष्प लंबे समय तक खिलते हैं और संग्रहण क्षमता भी अच्छी होती है। इन सभी फायदों के चलते इसकी खेती आर्थिक दृष्टि से फायदे का सौदा सिद्ध होगी।
इसके अतिरिक्त यह बेहतर ट्रेप क्रॉप के रूप में भी उगाई जाती है। सूत्रकृमि या निमेटोड्स प्रभावित क्षेत्र में इसकी फसल लेने से सूत्रकृमियों का प्रभाव कम अथवा पूर्णत: समाप्त हो जाता है।
जलवायु वैसे तो गेंदे की खेती वर्ष भर की जा सकती है तथा सभी प्रकार की जलवायु में उगाया जा सकने वाला पौधा है। परंतु शीतोष्ण एवं समशीतोष्ण जलवायु उपयुक्त रहती है। पौधे की अच्छी बढ़वार एवं अधिक पुष्पन के लिये मुख्यतया नम जलवायु की आवश्यकता होती है। इसकी खेती सर्दी/गर्मी वर्षा तीनों मौसम में आसानी से की जा सकती है।
भूमि
सामान्यतया गेेंदे की खेती सभी प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है। परंतु अधिक उपज के लिए अच्छी जल निकास वाली गहरी दोमट तथा बलुई दोमट मिट्टी जिसका पीएचमान 6.5 से 7.5 के मध्य हो।
खाद एवं उर्वरक
खेत तैयार करते समय 15-20 टन/है. सड़ी हुई गोबर खाद, एफबायएम 200 कि.ग्रा./हे. यूरिया, 1000 कि.ग्रा. एसएसपी 200 किग्रा. एमओपी अच्छी तरह मिलाएं।
पिचिंग (शीर्ष कर्तन)
पौध रोपाई के 35 से 40 दिन पश्चात पौधे की ऊपरी शीर्ष शाखा 3 से 5 सेमी तक की ऊंचाई हो को हाथ से चुटक कर तोड़ दें जिससे पीछे की शाखाओं की संख्या में बढ़ोत्तरी होती है। और अधिक मात्रा में फूल प्राप्त किये जा सकते हैं।
खरपतवार नियंत्रण 3 से 4 बार अच्छी निराई गुड़ाई करके खरपतवारों को खेत से उखाड़े खरपतवारनाशी का भी प्रयोग किया जा सकता है।

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