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खेती में पशुधन भी जरूरी

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उज्जैन। पशुओं कीे स्वास्थ्य सुरक्षा के दृष्टि से डॉ. अशोक कुमार दीक्षित वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख कृषि विज्ञान केन्द्र एवं डॉ. एच के त्रिवेदी उपसंचालक पशु चिकित्सा, उज्जैन की उपस्थिति में विकास खण्ड घट्टिया के ग्राम गुराडिया गुर्जर में गत दिनों को पशु स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया।
डॉ. अशोक कुमार दीक्षित संस्था प्रमुख द्वारा बताया गया कि पशुधन एवं कृषि एक दूसरे के पूरक हैं, किसान भाईयों को खेती में पशुधन को भी शामिल करना चाहिए खेती में पशुधन रथ के पहिए के समान  है, जिस प्रकार पहिए के बगैर रथ नही चल सकता इसी प्रकार पशुधन के बगैर खेती नही चलती है। यदि खेती में पशुधन को नगण्य किया जाएगा तो हमारी मिट्टी की स्थिति दिनों दिन बिगड़ती जाएगी आदि जानकारी दी गई। डॉ. एस.के. कौशिक वैज्ञानिक द्वारा पशुधन की कमी का अप्रत्यक्ष प्रभाव मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ की कमी के रुप में पड़ रहा है साथ ही बताया कि पशुधन पालकर किसान भाई अतिरिक्त आमदनी प्राप्त कर    सकते हैं।
श्री एच.एस.जाटव वैज्ञानिक कृषि प्रसार द्वारा कार्यक्रम आयोजन के उद्देश्य एवं उपयोगिता के बारे में विस्तार में बताया गया, डॉ. डी एस तोमर, वैज्ञानिक शस्य द्वारा पशुओं की नस्लों को पोस्टर के माध्यम से बताया गया।
डॉ. बघेल द्वारा पशु पोषण, स्वच्छ दुग्ध उत्पादन, पशु स्वास्थ्य के बारे में बताया गया साथ ही पशुओं के विभिन्न रोग जैसे एक टंगिया रोग, थनेला रोग का इलाज एवं बधियाकरण भी किया गया साथ ही टीके भी नि:शुल्क लगाए गए कुल 110 पशुओं का चिकित्सक द्वारा इलाज किया गया ।
कार्यक्रम में पशु स्वास्थ्य सुरक्षा, पशु पोषण, पशुओं की उन्नत नस्लें, स्वच्छ दुग्ध उत्पादन आदि तकनीकी को फ्लेक्स के माध्यम से प्रदर्शित किया गया कार्यक्रम में 70 पशुपालकों द्वारा भागीदारी कर तकनीकी जानकारी प्राप्त की गई।

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