State News (राज्य कृषि समाचार)

कृषक भाईचारा अभियान किसानों के लिये वरदान

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कलेक्टर ने बैकुण्ठपुर व तिलखन में ली अभियान प्रगति की जानकारी
रीवा। किसानों के भूमि संबंधी रिकार्ड को अद्यतन करने व उनकी आपसी सहमति से सह खातेदारों के नाम पृथक किये जाने के उद्देश्य से जिले में प्रारंभ कृषक भाईचारा अभियान की प्रगति की जानकारी कलेक्टर राहुल जैन ने बैकुण्ठपुर व तिलखन पहुंचकर प्राप्त की।
इस अवसर पर उन्होंने पटवारियों से सह खातेदारों के नाम पृथक किये जाने व उनसे सहमति प्राप्त करने के विषय में विस्तार से पूंछताछ की। कलेक्टर ने कहा कि कृषक भाईचारा अभियान किसानों के लिये वरदान साबित होगा क्योंकि व्यवहारिक रूप से कृषकगण खेतों में मेड़ वनवाकर बटवारा तो कर लेते हैं परन्तु राजस्व अभिलेखों में खाते अलग-अलग नहीं हो पाते जिसके कारण उन्हें शासकीय योजनाओं सहित अन्य सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पाता हैं। कृषक भाईचारा अभियान में कृषकगणों को रिकार्ड से मृत व्यक्तियों के नाम कटवाने व वारिसों के नाम चढवाने की प्रक्रिया है।
कलेक्टर राहुल जैन ने बताया कि कृषक भाईचारा अभियान के चरण बद्ध कार्यक्रम में प्रथम चरण में पटवारियों द्वारा अपने हल्के के राजस्व हल्का अंतर्गत आने वाले ग्रामों में उपस्थित रहकर मृतक खातेदारों, सम्मिलित खाता तथा अविवादित नामांतरण/बंटवारा प्रकरणों की जानकारी संकलित की गयी। अब द्वितीय चरण में पटवारी हल्का स्तर पर संकलित मृतक खातेदारों, सम्मिलित खाता एवं अविवादित नामांतरण/बंटवारों की प्रक्रिया पूर्ण कर सक्षम अधिकारी से निराकरण अभिलेख संशोधन खसरा अनुसार नक्शे में तरमीम कार्य तथा भू-अधिकार ऋण पुस्तिका तैयार कर रहे हैं। इस अवधि में आयोजित ग्राम सभाओं में पटवारी द्वारा वी-1 का वाचन किया जाएगा। जिसमें छूटे हुए कृषकों को चिन्हित कर उनका निराकरण किया जाएगा। तृतीय चरण में 5 फरवरी से 10 फरवरी तक पटवारी द्वारा ग्रामों में संशोधित अभिलेख खसरा नक्शा एवं बी-1 एवं तैयार भू-अधिकार तथा ऋण पुस्तिका का कृषकों को वितरण किया जाएगा।
कृषक राज कुमार सिंह ने सह खातेदार से पृथक खाता कराने की पहल की:- तिलखन निवासी राजकुमार सिंह ने कलेक्टर द्वारा चलाये गये कृषक भाईचारा अभियान के तहत आगे बढ़कर अपने भाई से सहमति बनाते हुए खाते को अलग कराने की पहल की। उन्होंने बताया कि पिता जी की मृत्यु के उपरांत वर्षो से उनकी जमीन सह खातेदार के तौर पर भाई के साथ रिकॉर्ड में थी जबकि वह दोनों खेती अलग-अलग करते थे। कृषक भाईचारा अभियान में उन्होंने भाई से सहमति बनाकर अपना रिकार्ड अद्यतन कराने का कार्य किया।
कलेक्टर ने अपेक्षा की कि राजकुमार सिंह जैसे कृषक से प्रेरणा लेकर अन्य किसान भी अपनी सहखाते की भूमि आपसी सहमति से अलग करायें ताकि खेती को लाभ का धन्धा बनने में और भी सहायता मिल सके।

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