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ईगल सीड्स के लिए सर्वोपरि है किसानों की खुशहाली

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इन्दौर। सन् 1982 में स्व. श्री आर.के. जैन द्वारा स्थापित ईगल सीड्स एण्ड बायोटेक लिमिटेड गेहूं, सोयाबीन, धान, कपास, सब्जी, दलहन के वैराइटल एवं हाइब्रिड सीड्स के लिए मशहूर है। ‘हाई वाल्यूम- लो मार्जिनÓ बीजों की प्रोसेसिंग, पैकेजिंग व मार्केटिंग करने वाली ईगल सीड्स के वर्तमान प्रबंध निदेशक श्री वैभव जैन का कहना है कि हमने गुणवत्ता से समझौता किए बिना ऐसे हाइब्रिड सीड्स किसानों को उपलब्ध करवाए हैं जो कम समय व कम लागत में फसल उत्पादन बढ़ाए। कंपनी के 20 एकड़ भूखंड पर स्थित रिसर्च फार्म ने सोयाबीन बीजों की कई किस्में विकसित की हैं। इनमें से ईगल-21 किस्म 95 से 100 दिनों में अधिकतम उत्पादन देने के लिए मशहूर है। सोयाबीन में ईगल-61, जेएस-335 से लगभग एक सप्ताह अगेती है तथा अधिक उपज देती है। अन्य सोयाबीन की किस्में ईगल-71, ईगल-81 व ईगल-91 भी परीक्षण अवधि पूर्ण कर चुकी है और महाराष्ट्र में खेती के लिए उसकी अनुशंसा की जाने वाली है।
ईगल सीड्स एक दर्जन से अधिक किस्मों के गेहूं बीज प्रोसेस करती है जिनमें से ईगल-25 की फसल 110 से 120 दिन में तैयार हो जाती है। ईगल 135 मध्यम पिछेती किस्म है यह 120-130 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। इसकी उपज 50 से 55 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है।
गेहूं की ईगल-95 को धान की कटाई के बाद बोया जाता है। इसकी उपज 30 से 35 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है। ड्यूरम गेहूं की किस्म ईगल-145 मध्यम पिछेती और 50 से 60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज वाली किस्म है।
ईगल सीड्स सरसों और मक्का में भी अनुसंधान कर रही है। सरसों की ईगल बसन्ती किस्म अधिक उपजाऊ (15 से 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर) है। मक्का में उन्नत हायब्रिड विकसित करने के लिए कम्पनी ने मैक्सिको से आयातित जर्म प्लाज्म से अनेक हायब्रिड तैयार किए हैं। अभी ये परीक्षण की अवस्था में हैं। प्रबंध संचालक श्री वैभव जैन के अनुसार ईगल  सीड्स के लिए सर्वोपरि है- किसानों की खुशहाली।
नोट : उपरोक्त वर्णिज उपज एवं फसल की दशा उपयुक्त कृषि जलवायु व उचित फसल प्रबंधन पर निर्भर करती है।

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  • सोयाबीन

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