सागर जिले में चलती-फिरती खेत पाठशालाओं से किसानों को अच्छे दिनों का अनुभव
सागर। जिले के दूरस्थ स्थित गांवों में चार-पांच लोगों की टीम पहुंचती है गांव के बीच चौपाल पर, दरी-फर्श बिछाया जाता है, छांव के लिये कोई पेड़ का सहारा लेकर चौपाल लग जाती है। रिटायर कृषि अधिकारी सीधे किसानों से सवाल करने लगते हैं गोबर गैस किसके यहां लगा है। वर्मी कम्पोस्ट, नाडेप टांका जैविक खाद आदि सवालों को सुनकर किसान को समझने में देरी नहीं होती। कृषि अधिकारियों के लिये पानी, आसपास बैठने हेतु कुर्सी आदि व्यवस्थाएं होने लगती हैं। ऐसा ही कार्य कर रही है के.जे. एजुकेशन सोसायटी भोपाल जो म.प्र. शासन किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग के साथ पब्लिक प्राईवेट पार्टनर है।
सोसायटी द्वारा विगत सप्ताह जैसीनगर ब्लॉक के ग्राम मडख़ेड़ा जागीर में सरपंच कीरत सिंह ठाकुर के आतिथ्य में खेत पाठशाला का आयोजन किया। टीम के आर.एन. मिश्रा जो रिटायर कृषि एस.डी.ओ. हैं तथा आर.के. चौबे रिटायर ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी ने दो – तीन घंटे तक करीब ढाई दर्जन किसानों को अपनी अनुभवी तकनीक से बांधे रखा। पाठशाला में समूह दक्षता प्रशिक्षण, जैविक खेती, खरीफ सीजन में क्या-क्या, किसानों को खेती में समस्याएं पैदा हो रही हैं आदि पर चर्चा की। एचीवर-कृषक सेवक प्रसाद पाण्डेय ने अध्यक्षता की। खुरई ब्लॉक के गांव इनायतपुर में पाठशाला में किसानों ने बताया कि आज के पहले गांव में कोई भी बैठक या ऐसा आयोजन नहीं हुआ है। इसी प्रकार खिमलासा के पास करमपुर गांव में एक दिवसीय आवासीय अध्ययन की बैठक में आर.एन. मिश्रा, आर.के. चौबे क्षेत्रीय ग्रामीण कृषि अधिकारी, श्री तिवारी एचीवर, कृषक मुन्नालाल कुशवाहा आदि ने विचार रखे। इस बैठक में एक दर्जन कुशवाहा समाज की वे महिलाएं शामिल हुई जो दिन-रात खेतों में काम करती हैं। प्रशिक्षकों ने भी खेती में महिलाओं की भागीदारी तथा शासन द्वारा महिला कृषकों के हितार्थ बिन्दुओं पर चर्चा की।