सरकार के खिलाफ खाद, बीज व्यापारी
सागर (काशीराम रैकवार)। सागर जिले के कृषि आदान विक्रेता विगत दिनों जिला प्रशासन के खिलाफ सड़क पर उतर आये हैं। उन्होंने जिला खाद, बीज, कृषि औषधि विक्रेता कल्याण समिति के तत्वावधान में जिला कलेक्टर को एक ज्ञापन देकर विक्रेताओं को प्रताडि़त करने नियम विरुद्ध कार्यवाही करने तथा अमानक एवं नकली को परिभाषित करने की मांग की। करीब 200 विक्रेताओं ने ज्ञापन उपरांत शहर विधायक श्री शैलेन्द्र जैन के आतिथ्य में होटल राम सरोज पैलेश में पत्रकारवार्ता एवं बैठक का संयुक्त आयोजन किया। समिति के संरक्षक एवं उर्वरक विक्रेता संघ के प्रदेश अध्यक्ष सर्वश्री प्रदीप जैन तथा अध्यक्ष राजेश मलैया ने बताया कि शासन के आला अधिकारी नकली एवं अमानक सामग्री की परिभाषा को नहीं समझाते जबकि खाद-बीज या अन्य आदान विक्रेताओं को लायसेंस उक्त अधिकारी ही देते हैं। नकली सामग्री के नाम पर पुलिस कार्रवाई की धमकी देकर भारी भ्रष्टाचार करते हैं। उनका तर्क था कि जब शीलबंद तथा निर्माण लायसेंस विवरण सहित सामग्री के सेम्पल जांच में एक दो प्रतिशत तत्वों की कमी वाले नमूने को नकली करार दिया जाकर पुलिस कार्रवाई विक्रेता पर की जाती है जबकि निर्माता को शासन लायसेंस देता है तो सिर्फ वही दोषी है साथ-साथ निर्माता लायसेंस जारी करने वाले अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो। विक्रेताओं का कहना था कि सहकारी समितियों राज्य विपणन संघ, एम.पी. एग्रो आदि के सेम्पल फेल होने पर एक समान कार्रवाई नहीं की जाती है। विक्रेताओं का आरोप है कि कोई भी स्थाई वितरण नीति शासन के पास नहीं है अत: वितरण पर लगाए गए समस्त प्रतिबंध समाप्त किए जाएं जिससे कृषकों को प्रतिस्पर्धा मूल पर आदान उपलब्ध हो सकें। आदान विक्रेता को डिप्लोमा या डिग्री की बाध्यता समाप्त की जाये। यूरिया क्रय-विक्रय में मार्जिन वृद्धि तथा एफ.ओ.आर. दिया जावे इत्यादि मांगे शासन से की जाती हैं। समिति के सचिव सुरेश वैशाखिया ने प्रेस वार्ता में विस्तृत जानकारी के प्रपत्र उपलब्ध करवाए। इस दौरान कोषाध्यक्ष आर.बी. माहेश्वरी सहित सागर के आदान विक्रेता भारी तादाद में उपस्थित थे।