– मनमोहन मौर्य, बीना
समाधान – वर्तमान में गेहूं की फसल पर जहां केवल वर्षा हुई है ओले नहीं गिर हैं। उसमें तुलनात्मक दृष्टि से कम हानि होगी। गेहूं की बुआई अलग-अलग समय की है।विलम्ब से बोये गेहूं पर तो आंशिक असर हो सकता है। तेज हवा के झोंके के कारण साथ में वर्षा हो तो समय से बोई फसल जो अनुमानित तौर पर दूध से दाने भरने की अवस्था में होगी। बालकियों में वजन बढ़ जाता है वह झुक सकती है और इसमें अधिक हानि होगी। वर्षा आधारित गेहूं जो कटने की स्थिति में होगा यदि कट गया हो तो खले में फूलों को हेर-फेर करते रहे दावन कदापि नहीं करें यथा संभव तारपोलिन से ढक कर रखें। प्रकृति का खेल है अब मौसम खुलने लगा है यदि मौसम अच्छा खुल जाये तभी फसल कटाई का कार्य करें वरना अधिक नुकसान होगा। कम्बाईन का उपयोग खेतों में मकिट्टी कुछ कड़ी होने के बाद ही करें। ताककि मिट्टी दबने से बच जाये। अन्य रबी फसलों की कटाई यथा सम्भव मौसम खुलते ही शुरू कर दें अधिक से अधिक क्षेत्र में मूंग/उड़द लगाने का प्रयास करें।
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- कपास उत्पादन 396 लाख गांठ अनुमानित
- समस्या – क्या जायद की मूंग की बुआई अभी की जा सकती है। उत्पादन के बिंदुओं से परिचय करायें।