समस्या- मैं जायद की तिल लगाना चाहता हूं क्या मुझे आर्थिक लाभ अन्य फसलों की तुलना में अधिक होगा तकनीकी बतायें।

Share

– जयशंकर लाल, बरेली
समाधान – जायद के मौसम में मक्का, तिल, मूंगफली, भिंडी, मूंग, उड़द लगाकर अतिरिक्त आय कमाई जा सकती हैं। तिल्ली की काश्त अगर निम्न तकनीकी बिंदुओं को ध्यान में रखकर की जाये तो खरीफ की तुलना में जायद में अधिक लाभ कमाया जा सकता है। आपको पता होगा बाजार में फुटकर भाव में तिल्ली 200 किलो तक बिक रही है यदि 700-800 किलो/हे. भी पैदा कर ली जाये तो अच्छी आय संभव है।

  •  तिल्ली की विकसित जातियाँ जैसे टी.के.जी.22, टी.के.जी.55, जे.टी.एस. 8, टी.के.जी. 36 इत्यादि प्रमुख है।
  •  बुआई का उचित समय फरवरी माह है जब तक केवल आलू, मटर, तोरिया इत्यादि के खेत उपलब्ध हो सकेंगे।
  •  उर्वरक में नत्रजन (यूरिया) 130 किलो, 250 किलो सिंगल सुपर फास्फेट तथा म्यूरेट ऑफ पोटाश 33 किलो/हे. दिया जाये।
  •  उर्वरक बीज मिश्रण कदापि नहीं किया जाये। द्य बीज दर 5-6 किलो/हे. यथासंभव खेत में कतार खाली बनाकर गोबर की खाद में बीज मिलाकर हाथ से ऊरा जाये तो अच्छा अंकुरण मिल सकेगा।
  • पत्तीमोड़क कीट तथा भभूतिया रोग के नियंत्रण के लिये क्विनालफॉस 25 ई.सी. 2 मि.ली./लीटर पानी में घोल बनाकर दो छिड़काव 15 दिनों के अंतर से तथा भभूतिया की रोकथाम के लिये सल्फेक्स 2 ग्राम/लीटर पानी में घोल बनाकर 15 दिनों के अंतर से दो छिड़काव करें।
Share
Advertisements

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *