समस्या- गेहूं में सूक्ष्म तत्व जस्ते की कमी के क्या लक्षण होते हैं कैसे उपचार किया जाये।
– सुभाष यादव, रतलाम
समाधान– वर्तमान में गेहूं तथा धान पर जिंक की कमी के लक्षण समान रूप से देखे जा सकते हैं। आप निम्न पहचान समझें।
- फसल में जिंक की कमी के लक्षण पहली सिंचाई के उपरांत कल्ले निकलते वक्त देखे जा सकते हैं।
- ऊपर से तीसरी पत्तियों पर सफेद/तांबिया रंग के धब्बे दिखाई देते हैं।
- प्रभावित पत्तियां बीच से सिकुड़ जाती हैं। पौधों का विकास अवरोधित हो जाता है। लगातार तापमान कम रहने की स्थिति में प्रकोप बढ़ जाता है। उपचार के लिये निम्न उपाय करें।
- 15-25 किलो जिंक सल्फेट प्रति हेक्टर की दर से डालें। एक साल का उपचार का असर दो वर्ष रहता है।
- खड़ी फसल में छिड़काव के लिये एक हेक्टर क्षेत्र के लिये 5 किलो जिंक सल्फेट और 2-5 किलो बुझा हुआ चूना 1000 लीटर पानी में घोल बनाकर 15 दिनों के अंतर से दो छिड़काव करें।
- जिंक सल्फेट और चूना अलग-अलग कम पानी में घोले छानकर हजार लीटर पानी में मिलायें।
- एक लीटर घोल के लिये 5 ग्राम जिंक सल्फेट तथा 2.5 ग्राम चूना पर्याप्त होगा।