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रैली में किसान ने लगाई फांसी

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के दिल में मौजूद जंतर-मंतर पर एक परेशान किसान की आत्महत्या ने गर्मी के मौसम में सियासी पारे को और चढ़ा दिया। केंद्र की सत्तारूढ़ सरकार के प्रस्तावित भूमि अधिग्रहण विधेयक के विरोध में आम आदमी पार्टी (आप) ने गत दिनों एक सभा आयोजित की, जिसमें राजस्थान से आए इस किसान ने फांसी लगा ली। इसके बाद राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का नया दौर शुरू हो गया और सभी राजनीतिक दल खुद को किसानों का सबसे बड़ा हिमायती साबित करने में जुट गए। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसे मानवता की मौत करार दिया और विपक्षी दलों ने सरकार के लिये इसे खतरे की घंटी बताया।
राजस्थान के दौसा से आए गजेन्द्र सिंह नाम के इस किसान की मौत से भाजपा नीति सरकार के लिये भूमि अधिग्रहण विधेयक को पारित करने का रास्ता और मुश्किल दिखने लगा है। अभी सरकार के कार्यकाल का 1 साल भी पूरा नहीं हुआ है और उसके लिए मुश्किलें बढऩे के संकेत मिल रहे हैं। इधर आप की रैली में किसान द्वारा खुदकुशी करने के बाद भी श्री केजरीवाल ने भाषण जारी रखा था जिसके लिये वे अब माफी मांग रहे हैं परंतु 41 वर्षीय मृतक किसान के परिवार ने माफी की अपील ठुकरा कर घटना की सीबीआई जांच कराने की मांग की है।

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