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यूरिया कंपनियों की सब्सिडी में बढ़ोत्तरी

(विशेष प्रतिनिधि)
नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने यूरिया बनाने वाली कंपनियों को बड़ी राहत दी है। पोषक तत्व आधारित सब्सिडी दरों को तय करते हुए केन्द्र सरकार ने नाइट्रोजन पर 3.13 रु. प्रति किलो सब्सिडी में वृद्धि की है। इस फैसले से घरेलू यूरिया निर्माताओं को इंपोर्टेड यूरिया से मुकाबला करने में आसानी होगी।

गत 31 मार्च को आर्थिक मामलों की केबिनेट समिति में हुए निर्णयों में वर्ष 2017-18 के लिए फास्फोरस और पोटाश आधारित उर्वरक की सब्सिडी कम कर दी है। फास्फोरस पर 13.241 रु. प्रति किलो (वर्ष 2016-17) से घटाकर 11.997 प्रति किलो (रु. 1.24 कम) की गई है वहीं पोटाश में रु. 15.470 प्रति किलो (2016-17) से घटा कर रु. 12.395 प्रति किलो कर दी गई है। वर्ष 2016-17 के दौरान फास्फोरस और पोटाश उर्वरकों की खपत 279.8 लाख मीट्रिक टन थी। वर्ष 2017-18 में खपत का अनुमान स्थिर रहने के आधार पर एवं प्रस्तावित दरों की गणना  के अनुसार कुल सब्सिडी 19,848.99 करोड़ होगी जो वर्ष 2016-17 के रु. 20,688.43 करोड़ की तुलना में 839.44 करोड़ कम रहेगी।  सरकार द्वारा पोषक तत्व आधारित सब्सिडी नीति नियंत्रण मुक्त उर्वरकों  के लिये लागू की गई है। इस नीति के अंतर्गत फास्फेटिक एवं पोटेशिक फर्टिलाइजर पर सरकार द्वारा प्रतिवर्ष प्रत्येक पोषक तत्व के प्रति किलो विभिन्न उर्वरकों में उपयोग के आधार पर सब्सिडी का निर्धारण किया जाता है। इन दरों को तय करते समय घरेलू एवं अंतर्राष्ट्रीय कीमतों, रुपये का विनिमय मूल्य, स्टॉक आदि कारकों को ध्यान में रखा जाता है।

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