भारत में नारियल अनुसंधान के 100 साल पूरे
नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने कहा है कि कृषि का चौतरफा विकास और किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाना कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की प्राथमिकताओं में सबसे ऊपर है। श्री राधा मोहन सिंह ने यह बात भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद – केंद्रीय रोपण फसल अनुसंधान संस्थान, कायंकुलम, केरल में नारियल क्षेत्र की संभावनाओं पर हुए राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही। यह सम्मेलन भारत में नारियल अनुसंधान के शताब्दी वर्ष समारोह के तहत अयोजित किया गया था।
केंद्रीय कृषि एंव कल्याण मंत्री ने जानकारी दी कि केरल में नारियल की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। कोचीन में नारियल विकास बोर्ड का मुख्यालय स्थापित किया गया है। नारियल बोर्ड ने केरल में किसानों की भरपूर मदद की है। नारियल प्रोद्योगिकी मिशन के अंतर्गत लगभग 402 नारियल प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना हुई है, जिनमें प्रति वर्ष 242 करोड़ नारियल का प्रसंस्करण किया जाता है। देश में अब तक कुल 61 नारियल उत्पादक कंपनियां गठित की गई हैं जिनमें से 29 केवल केरल में स्थित हैं।
श्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने मिलिंग कोपरा का न्यूनतम समर्थन मूल्य रु. 5550 से बढ़ाकर रु. 5950 तथा बाल कोपरा का रु. 5830 से बढ़ाकर रु. 6240 कर दिया है ।