ब्रॉण्डेड खाद कम्पनियों के नाम से किसानों से लूट
नागदा। स्थानीय उर्वरक विक्रेता द्वारा ब्राण्डेड कम्पनियों की मिलती-जुलती पैकिंग व नाम से स्वाइल कंडीशनर के नाम पर उर्वरक विक्रय किया जा रहा है। किसानों द्वारा इस ठगी की उच्च स्तर पर शिकायत के बावजूद स्थानीय विभागीय अधिकारियों द्वारा लीपा-पोती का प्रयास किया जा रहा है। किसानों ने बताया कि तथाकथित उर्वरक की कीमत मात्र 200-300 रु. है लेकिन स्थानीय विक्रेता द्वारा इसे डीएपी के समतुल्य लगभग 1200 रु. में बेचा जा रहा है, जब कुछ किसानों ने विक्रेता से बिल की मांग की तो उन्हें कच्चा बिल दिया गया। इस खाद की पैकिंग बिरला बलवान, कारगिल आदि प्रतिष्ठित कम्पनियों के डीएपी उर्वरक की पैकिंग से मिलती-जुलती है। लेकिन इस पर डीएपी के स्थान पर स्वायल कंडीशनर नाम छापा गया है। कृषकों ने जब जिला कलेक्टर एवं प्रमुख सचिव कृषि को इस संबंध में शिकायत की गई तो ऊपरी दबाव की वजह से स्थानीय विभागीय अधिकारियों ने उक्त उर्वरक का नमूना लेकर जांच की खानापूर्ति कर दी।
जबकि पूरे प्रदेश में उर्वरक व कीटनाशक की गुणवत्ता को लेकर अभियान चलाया जा रहा है। जिसके चलते कई कम्पनियों के लायसेंस तक निरस्त कर दिये गये। स्वयं मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि आदान की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जायेगा ताकि प्रदेश के किसान का कोई नुकसान न हो।
नोटबंदी के दौर में मुश्किल से खेती के आदान जुटा पा रहे कृषक इस स्थिति में अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री की प्राथमिकता सूची में कृषि व किसान सर्वोच्च स्तर पर है, बावजूद इसके बेखौफ विभागीय अधिकारी शासन की कृषक हितैषी नीतियों को धता बता रहे हैं।