बीटी कॉटन : 23 कंपनियों की नई 50 किस्मों को मिली मंजूरी
(विशेष प्रतिनिधि)
भोपाल। प्रदेश शासन ने खरीफ 2016 के लिए बी.टी. कॉटन बीज की 50 किस्मों को विक्रय अनुमति दी है। इसमें 23 कम्पनियों की किस्में शामिल हैं। खरीफ में नई 50 किस्मों के 7 लाख 92 हजार से अधिक पैकेट बेचने की अनुमति दी गई है। खरीफ के लिए बीटी कपास की कुल 33 कम्पनियों की 119 किस्मों का प्रस्ताव दिया गया था, इसमें से राज्यस्तरीय स्कू्रटनी कमेटी ने 50 किस्मों का चयन किया। इसमें 3 वर्ष के ट्रायल परिणाम वाली 33 किस्में ही हैं। जिन किस्मों के ट्रायल दो वर्ष तक उल्लेखनीय (सिग्नीफिकेन्ट) और एक वर्ष समकक्ष (ऐट पार) रहे हैं, ऐसी 17 किस्मों को उनके बिक्री प्लान का केवल 50 प्रतिशत ही बेचने की अनुमति दी है। इसके साथ 10 बीटी बीज कम्पनियों को ट्रायल लगाने के लिए अनुमति दी गई है।
जानकारी के मुताबिक उन्हीं प्रजातियों को विक्रय अनुमति दी गई है जिनके कृषि विश्वविद्यालय ट्रायल्स तीन वर्ष के हो चुके हैं। तथा उक्त ट्रायल्स को मान्यता जीईएसी में रजिस्ट्रेशन पत्र में लिखी तिथि एवं वर्ष से ही प्रदान की गई है। रजिस्ट्रेशन तिथि के पूर्व के ट्रायल्स को मान्य नहीं किया गया है। इसके साथ ही दो वर्षों के ट्रायल्स परिणाम प्राप्त किस्मों को भी विक्रय अनुमति नहीं दी गई परन्तु उन्हें तीसरे वर्ष का ट्रायल्स भी उसी अनुसंधान केन्द्र पर देना होगा, जहां पूर्व में ट्रायल्स आयोजित किए गए हैं।
विक्रय अनुमति प्राप्त कम्पनियां
मेटाहेलिक्स – एमएच 5363 बीजी-2
वेस्टर्न एग्री सीड्स-वेस्टर्न निरोगी108 बीजी-2
रासी सीड्स- आरसीएच-659 बीजी-2, आरसीएचबी-625 बीजी-2
कृषिधन सीड्स- केडीसीएचएच-532 बीजी-2, केडीसीएचएच- 02 बीजी-2, केडीसीएचएच 065 बीजी-2, केडीसीएचएच 202 बीजी-2, केडीसीएचएच 722 बीजी-2
श्रीराम बायोसीड्स- 7213-2 बीजी-2
कोहिनूर सीड फील्ड्स- केएससीएच-207 बीजी-2, केएससीएच-212 बीजी-2
अजीत सीड्स- एसीएचबी-901-2 बीजी-2
नर्मदा सागर एग्री- केसीएचएच-2108
श्रीरामा एग्री जेनेटिक्स- एसआरसीएच-99 बीजी-2, एसआरसीएच-55 बीजी-2, एसआरसीएच-33 बीजी-2
जायलम सीड्स- एनएसपीएल-2223 बीजी-2, एनएसपीएल-252 बीजी-2
अमर बायोटेक – एबीसीएच 191 बीटी बीजी-2, एबीसीएच 245 बीटी, एबीसीएच 248 बीटी, एबीसीएच 256 बीटी
महाराष्ट्र हाइब्रिड सीड्स- एमआरसी-7377 बीजी-2, एमआरसी-6918 एक्सएक्सएल बीजी-2, एमआरसी-7388 बीजी-2
जुआरी एग्री साइंस – जेडसीएच-503 प्रेसीडेंट गोल्ड बीजी-2
बायर बायो सांइस -एसपी-911 बी-2 बीजी-2
ग्रीन गोल्ड सीड्स – जीबीसीएच-8888 बीजी-2, जीबीसीएच-90 बीजी-2, जीबीसीएच-95 बीजी-2
कावेरी – केसीएच-172 बीजी-2, केसीएच-108 बीजी-2
जेके सीड्स – जेकेसीएच-0034 बीजी-2, जेकेसीएच 8836 बीजी-2
प्रभात एग्री बायोटेक- पीसीएच-4599-बीजी-2, पीसीएच-887-बीजी-2
नुजीवीडू सीड्स – एनसीएस-1134-बीजी-2, एनसीएस-245 बीजी-2, एनसीएस-1111 बीजी-2, एनसीएस-909-बीजी-2, एनसीएस-8899-बीजी-2, एनसीएस-858-बीटी-2, एनसीएस-9028- बीटी-2
डीसीएम श्रीराम – 844-2 बीजी-2, 7211-2 बीजी-2, 901-2 बीजी-2
प्रवर्धन सीड्स- पीआरसीएच-739 बीजी-2
सोलर एग्रोटेक- डीबीएच-2 बीजी-2
श्री सत्या एग्री बायोटेक- डी-29 बीजी-2
विशेषज्ञों के मुताबिक ट्रायल्स की इस लम्बी अवधि की प्रक्रिया को छोटा करना कपास के किसानों के हित में हो सकता है। क्योंकि लम्बी अवधि की प्रक्रिया के दौरान बीजों की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है जिससे उत्पादन में कमी की संभावना बनी रहती है। व्यापारिक क्षेत्रों के मुताबिक जीईएसी से अनुशंसित किस्मों को दोबारा राज्य के कृषि विश्वविद्यालयों के प्रक्षेत्रों पर परीक्षण करने की प्रक्रिया खर्चीली और दोहराव पूर्ण है। समिति को अपने निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए। इस आशय की मांग उठने लगी है।