प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना अंतर्गत महत्वपूर्ण बिन्दु –
- नवीन जल स्रोतों का निर्माण, पुराने की मरम्मत, बहाली और सूख गये जल स्रोतों का नवीनीकरण, जल संरचनाओं का निर्माण, माध्यमिक और माइक्रो भंडारण, भू-जल विकास, जल संधारण क्षमता बढ़ाने के परंपरागत प्रयास जैसे मेड़ों का निर्माण।
- नमी संरक्षण को बढ़ावा देने के वैज्ञानिक उपाय और नीचे चले गये भू-जल का स्तर बढ़ाना एवं उथले ट्यूबवेल व कुओं के माध्यम से पानी रिचार्ज करना।
- भूमिगत पाइपिंग सिस्टम, ड्रिप व फव्वारा रेनगन सिंचाई पद्धति का उपयोग।
- पंजीकृत उपयोगकर्ता समूहों के माध्यम से समुदाय सिंचाई को प्रोत्साहित करना एवं किसान उत्पादकों के संगठनों, गैर सरकारी संगठनों की सहायता लेना।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (हर खेत को पानी) –
- लघु सिंचाई के माध्यम से नए भू-जल स्रोतों का निर्माण ।
- मरम्मत, बहाली और जल निकायों के नवीनीकरण को मजबूत बनाना परम्परागत जल स्रोतों की क्षमता को बढ़ाना एवं वर्षा जल संचयन संरचनाओं का निर्माण।
- कमांड क्षेत्र का विकास। द्य पानी की अधिकता वाले क्षेत्रों से पानी की कमी वाले क्षेत्रों में पानी पहुंचाना। जल निकायों से लिफ्ट सिंचाई द्वारा पानी उपलब्ध कराना।