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देश में चीनी उत्पादन बढ़ा

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मुम्बई। बंपर गन्ना उत्पादन के चलते पेराई सीजन 2014-15 (31 मार्च तक) में भारत का चीनी उत्पादन 11.5 फीसदी बढ़ा है। इस उद्योग की शीर्ष संस्था भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) द्वारा जुटाए गए आंकड़ों के मुताबिक 31 मार्च, 2015 तक भारत का चीनी उत्पादन 247.2 लाख टन रहा, जो पिछले साल की इसी अवधि के उत्पादन के मुकाबले 28.4 लाख टन ज्यादा है। चीनी पेराई सीजन अक्टूबर में शुरू होता है और सितंबर में खत्म होता है। लेकिन आमतौर पर पेराई सीजन अप्रैल के मध्य तक खत्म हो जाता है। इस्मा ने एक बयान में कहा, चालू सीजन में उत्पादन अनुमानित खपत 248 लाख टन से ज्यादा रहने के चलते वर्ष 2015-16 में बचा हुआ स्टॉक 85 लाख टन रहने का अनुमान है। यह 60 लाख टन की जरूरत के मुकाबले 25 लाख टन ज्यादा है।
पूरे देश में गन्ने की बकाया राशि अब तक के सर्वोच्च स्तर 17,000 करोड़ रुपये पर पहुंच गई है। चीनी की एक्स-मिल कीमतें गिरकर 2,100 से 2,400 रुपये प्रति क्विंटल पर आ गई हैं। इससे मिलों के पास इतनी नकदी नहीं आ रही है कि वे गन्ना किसानों को उचित एवं लाभकारी कीमत (एफआरपी) का भुगतान कर सकें। इस्मा ने कहा, इसलिए सरकार को चीनी उद्योग की मदद के लिए किसी रणनीति के साथ आगे आना चाहिए। अन्यथा चीनी मिलों के लिए अपना वजूद बचाना मुश्किल हो जाएगा।
इस्मा ने कहा कि हालांकि सरकार ने 14 लाख टन तक कच्ची चीनी के निर्यात पर 4,000 रुपये प्रति टन की सब्सिडी के जरिये चीनी निर्यात को प्रोत्साहित किया है। लेकिन बेंचमार्क न्यूयॉर्क बाजार में कच्ची चीनी की गिरती कीमतों के कारण निर्यात करना असंभव हो गया है। वैश्विक बाजारों में चीनी के दाम 7 साल के निचले स्तर पर आ गए हैं।

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