Editorial (संपादकीय)

ज्यादा बैठे रहने से होती हैं ये बीमारियां

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लम्बे समय तक बैठने से भी हमारे शरीर में कुछ ऐसे परिवर्तन होने लगते हैं जो कि हानिकारक होते हैं। भले ही हम इन पर गौर न कर पाते हैं। उदाहरण के लिए अगर हम टीवी के सामने लम्बे समय तक बैठे रहते हैं तो यह भी हानिकारक है और इससे व्यक्ति कई तरह की बीमारियों का शिकार हो सकता है। आमतौर पर हम दफ्तरों में भी करीब 8-10 घंटे तक कम्प्यूटर के सामने बैठे रहते हैं और यह स्थिति भी निरापद नहीं है क्योंकि इस कारण से आपके सिर से लेकर पैर तक बीमारियां अपनी मौजूदगी बना सकती हैं।
हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल:
लम्बे समय तक बैठने से विभिन्न अंगों को नुकसान हो सकता है। लम्बे समय तक बैठे रहने से उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) की समस्या हो सकती है और कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है। बिल्कुल नहीं या बहुत कम बैठने वाले लोगों की तुलना में ज्यादा समय तक बैठने वालों को इन बीमारियों के होने की आशंका होती है।
अग्नाशय या पाचक ग्रंथि में बदलाव :
लम्बे समय तक एक जैसी स्थिति में बैठे रहने से अग्नाशय या पाचक ग्रंथि अधिक सक्रिय हो जाती है और इस कारण से अधिक इंसुलिन पैदा करता है। इस हॉर्मोन से कोशिकाओं को ग्लूकोज के तौर पर एक उर्जा स्रोत पहुंचाए जाने का काम होता है। ऐसी अवस्था में मांसपेशियों की कोशिकाएं निष्क्रिय होती हैं इसलिए इंसुलिन को प्रयोग में नहीं ला पाता है। इसके चलते ऐसी स्थिति पैदा हो जाती है कि इंसुलिन की अधिकता से मधुमेह और अन्य बीमारियां पैदा हो जाती हैं।
मांसपेशियों में कमजोरी :
जब आप खड़े होते हैं या किसी भी गतिविधि में सक्रिय होते हैं तो आपकी मांसपेशियां सक्रिय बनी रहती हैं, लेकिन जब आप केवल बैठे रहते हैं तो पीठ और पेट की मांसपेशियां ढीली पडऩे लगती हैं। इसी स्थिति के चलते आपके कूल्हे और पैरों की मांशपेशियां कमजोर पडऩे लगती हैं।
दिमाग पर असर :
लम्बे समय तक बैठे रहने से मस्तिष्क भी प्रभावित होता है और इसकी कार्यप्रणाली भी अस्पष्ट तथा धीमी हो जाती है। मांसपेशियों की सक्रियता से मस्तिष्क में ताजा खून और ऑक्सीजन की मात्रा पहुंचती है, जिसके ऐसे रसायन उत्पन्न होते हैं जोकि दिमाग को सक्रिय बनाए रखते हैं लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है तो मस्तिष्क पर भी विपरीत असर पढ़ता है।
गर्दन में तनाव :
लम्बे समय तक कम्प्यूटर पर बैठने या टाइप करने से गर्दन भी सख्त हो जाती है। इस अस्वाभाविक हालत का परिणाम यह होता है कि गर्दन में तनाव पैदा हो जाती है। इसके कारण कंधों और पीठ में भी दर्द होने लगता है।
टीवी के सामने बैठना घातक :
टीवी देखने के लिए लम्बे समय तक बैठे रहना भी घातक होता है। यह स्थिति भी इतनी घातक हो सकती है कि इससे मनुष्य की मौत की संभावनाएं भी बढ़ जाती हैं। अगर आप दिन में एक से दो घंटे तक टीवी देखते हैं तो इससे आपकी मृत्यु की संभावनाओं में 4 फीसदी तक बढोतरी होती है। अगर आप तीन से चार घंटे तक टीवी देखते हैं तो यह संभावना 14 फीसदी तक हो सकती है। इसी तरह प्रति दिन पांच से छह घंटे तक लगातार टीवी देखने से मृत्यु की संभावना 31 फीसदी बढ़ जाती है और 7 घंटे या अधिक समय तक टीवी देखने के लिए बैठे रहने से यह संभावना 61 प्रतिशत तक बढ़ सकती है।
बचने के लिए क्या करें? :
इन अप्रिय स्थितियों से बचने के लिए हम क्या कर सकते हैं तो इसका जवाब है कि आप हल्का व्यायाम करके ही बहुत हद होने वाले नुकसान को रोक सकते हैं।
– एक्सरसाइज बॉल या बैकलेस स्टूल पर बैठें। इससे आपके सभी महत्वपूर्ण मांसपेशियां सक्रिय हो जाती हैं।
– आप दिन में एक बार अपने हिप फ्लेक्सर्स (आकुंचकों) को तीन-तीन मिनट के लिए दोनों ओर रखकर बैठें।
– अगर आप टीवी देख रहे हों या अन्य कोई काम कर रहे हों तो थोड़ी देर के लिए आप चलना शुरू कर दें। भले ही चलने की रफ्तार धीमी हो, लेकिन इससे भी आपकी मांसपेशियां सक्रिय होती हैं। – आप बार-बार खड़े होने और बैठने का अभ्यास करें। – आप योग मुद्राओं का अभ्यास कर सकते हैं या फिर अपने शरीर को गाय, बिल्ली जैसी मुद्रा में रखें।

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