जनप्रतिनिधियों की योग्यताएं निर्धारित हो
भोपाल। राज्य निर्वाचन आयोग के 23वें स्थापना दिवस पर ‘पंचायत एवं नगरपालिका निर्वाचनों एवं जमीनी-स्तर पर गवर्नेंस की उभरती चुनौतियों’ पर पेनल संवाद हुआ। पेनल संवाद में इण्डिया टुडे के एडीटर श्री अंशुमान तिवारी ने कहा कि रिप्रेजेंटेटिव डेमोक्रेसी को पार्टिसिपेटरी डेमोक्रेसी में बदलना होगा। पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त श्री सत्यानंद मिश्रा ने कहा कि आडंबर नहीं कंटेंट में ध्यान दें। नेशनल ज्यूडिशियल एकेडमी की प्रो. डॉ. गीता ओबेराय ने कहा कि महिला जन-प्रतिनिधियों को पूरे अधिकार मिलने चाहिये।
पेनल संवाद में सहभागियों ने कहा कि जन-प्रतिनिधियों की योग्यताएँ पहले सांसद और विधायकों के लिये निर्धारित हो। इसके बाद पार्षदों और पंचों की।
चुनाव में खर्च की मॉनीटरिंग और धारा-40 के औचित्य पर भी राय दी गयी। राज्य निर्वाचन आयुक्त श्री आर. परशुराम ने पेनल संवाद के विषय पर प्रकाश डाला। संवाद में अध्यक्ष, मध्यप्रदेश भू-संपदा विनयामक प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री अंटोनी डिसा, पूर्व वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी श्री पी.के. दास, सलाहकार राज्य योजना आयोग श्री मंगेश त्यागी, उप सचिव राज्य निर्वाचन आयोग श्री गिरीश शर्मा सहित कई वरिष्ठ पत्रकारों ने महत्वपूर्ण सुझाव दिये।
संवाद का संचालन पूर्व राज्य निर्वाचन आयुक्त श्री एन.बी. लोहनी ने किया। आभार सचिव श्रीमती सुनीता त्रिपाठी ने माना।